Fact Check : ट्राईकॉन्टिनेंटल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर विजय प्रसाद के वीडियो को आईएएस अधिकारी का बताकर किया जा रहा शेयर

वीडियो में नजर आ रहे शख्स आईएएस अधिकारी नहीं, बल्कि ट्राईकॉन्टिनेंटल इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिसर्च के डायरेक्टर विजय प्रसाद हैं, जिनके वीडियो को अब भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। यह वीडियो साल  2021 में ग्लासगो में हुए सीओपी26 शिखर सम्मेलन के एक कार्यक्रम का है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक शख्स का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वो क्लाइमेट चेंज के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने पर पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वीडियो में नजर आ रहे शख्स आईएएस अधिकारी विजय सिंह है, जो वैश्विक मंच पर हमारे देश के लिए बोल रहे हैं।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ। वीडियो में नजर आ रहे शख्स आईएएस अधिकारी नहीं, बल्कि ट्राईकॉन्टिनेंटल इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिसर्च के डायरेक्टर विजय प्रसाद हैं, जिनके वीडियो को अब भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। यह वीडियो साल 2021 में ग्लासगो में हुए सीओपी26 शिखर सम्मेलन के एक कार्यक्रम का है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ऐश्वर सिंह ने 2 फरवरी 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। यूजर ने कैप्शन में लिखा है, ग्लासगो में अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक भारतीय अधिकारी की साहस देखिए। विजय सिंह, आईएएस को सलाम। भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भेजने के लिए काफी अच्छे शख्स का चुनाव किया है। इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने चाहिए।

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें। दूसरे यूजर्स भी इस दावे को सच मानकर शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो को गौर से देखा। हमने पाया कि वीडियो पर “सीओपी26 कोएलिशन” का लोगो लगा हुआ है। हमने इसके बारे में सर्च करना शुरू किया। इस दौरान यह वीडियो हमें सीओपी26 कोएलिशन नामक एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 10 नवंबर 2021 को शेयर किया गया है। दी गई जानकारी के अनुसार, यह वीडियो संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से जुड़े एक कार्यक्रम का है। वीडियो में नजर आ रहे शख्स ट्राईकॉन्टिनेंटल इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिसर्च के विजय प्रसाद हैं।

https://www.youtube.com/watch?v=Bho6xY-jSuE

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट न्यूज 18 की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में नजर आ रहे शख्स विजय प्रसाद हैं, जो कि भारतीय इतिहासकार और एक पत्रकार हैं। यह वीडियो सीओपी26 में एक पैनल के बीच हुए चर्चा का है।

ग्लोबल टाइम्स ने भी इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया था। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने विजय प्रसाद के सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें विजय प्रसाद का आधिकारिक ट्विटर हैंडल मिला। बायो के अनुसार, वह ट्राईकॉन्टिनेंटल: इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिसर्च के निदेशक, पत्रकार और नई दिल्ली स्थित मार्क्सवादी पब्लिशिंग हाउस लेफ्टवर्ड बुक्स के संपादक हैं।

जांच के दौरान हमें विजय प्रसाद के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर वायरल दावे से जुड़ा एक ट्वीट मिला। उन्होंने 23 जनवरी 2022 को एक ट्वीट करते हुए लिखा है, भारत में वॉट्सऐप पर एक खबर तेजी से फैल रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि मैं एक आईएएस ऑफिसर हूं। यह एक अफवाह है, इस पर भरोसा न करें।


अधिक जानकारी के लिए हमने ईमेल के जरिए विजय प्रसाद से संपर्क किया। हमें उनके प्रवक्ता Amilcar Guerra ने रिप्लाई करते हुए बताया, वायरल दावा गलत है। वो आईएएस ऑफिसर नहीं, बल्कि ट्राईकॉन्टिनेंटल इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिसर्च के डायरेक्टर हैं।

पड़ताल के अगले चरण में फर्जी मैसेज करने वाले यूजर ऐश्वर सिंह की जांच की गई। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर कानपुर का रहने वाला है। 

निष्कर्ष: वीडियो में नजर आ रहे शख्स आईएएस अधिकारी नहीं, बल्कि ट्राईकॉन्टिनेंटल इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिसर्च के डायरेक्टर विजय प्रसाद हैं, जिनके वीडियो को अब भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। यह वीडियो साल  2021 में ग्लासगो में हुए सीओपी26 शिखर सम्मेलन के एक कार्यक्रम का है।

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