विश्वास न्यूज की पड़ताल में तेजस्वी यादव से जुड़ी वायरल पोस्ट गलत साबित हुई। उन्हें गुलदस्ते की जगह जनता पेन और कॉपी इसलिए दे रहे हैं, क्योंकि ऐसी अपील खुद तेजस्वी यादव ने की है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें उन्हें भीड़ की ओर से पेन और कॉपी देते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को इस दावे के साथ वायरल कर रहे हैं कि कम पढ़े-लिखे होने के कारण जनता उनकी बेइज्जती के लिए पेन-कॉपी दे रही है। विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की जांच की। यह भ्रामक साबित हुआ। दरअसल तेजस्वी ने खुद ही लोगों से अपील की हुई है कि उन्हें फूल के बुके की जगह पेन, किताब और कॉपी भेंट करें, ताकि उसका सही इस्तेमाल किया जा सके।
फेसबुक यूजर महन्त थानापति दुर्वासानंद सरस्वती ने 24 अगस्त को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘बिहार के उपमुख्यमंत्री की इससे बड़ी बेईज्ज़ती और क्या हो सकती है कि लोग हार-गुलदस्ते की जगह पेन – कापी थमा रहें हैं, क्योकि वो जानते हैं कि वह नवी पास है। ये पब्लिक है सब जानती है।’
फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी अभी का मानकर वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल की शुरुआत के लिए तेजस्वी यादव के सोशल मीडिया हैंडल को खंगालना शुरू किया। सबसे पहले उनके ट्विटर हैंडल को खंगाला। हमें 16 अगस्त का एक ट्वीट मिला। इसमें एक वीडियो को पोस्ट करते हुए तेजस्वी यादव की ओर से लिखा गया : ‘सभी कार्यकर्ताओं, शुभचिंतकों और समर्थकों से हाथ जोड़कर विनम्र निवेदन है कि जब आप हमसे मिलने/शुभकामनाएं देने आएं तो फूलों के गुलदस्ते के बजाय कोई किताब या कलम ही अपने स्नेह के प्रतीक के रूप में दे। ये किताबें हमारे राजद पुस्तकालय की धरोहर होंगी। धन्यवाद सहित।’
तेजस्वी के ही ट्विटर हैंडल पर हमें ओरिजनल वीडियो भी मिला। इसे 21 अगस्त को अपलोड करते हुए लिखा गया कि संतुष्टि और खुशी है कि मिलने वाले भेंट स्वरूप अब पुष्पगुच्छ/गुलदस्ता के स्थान पर किताब-कलम लेकर आ रहे है।
सर्च के दौरान हमें एबीपी न्यूज की वेबसाइट पर एक खबर मिली। 20 अगस्त को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि तेजस्वी यादव ने लोगों से अपील की है कि फूलों के गुलदस्ते की जगह किताब और पेन दें। संबंधित खबर यहां पढ़ें।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, बिहार के डिजिटल प्रभारी अमित आलोक से संपर्क किया। उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की अपील के बाद ही लोग किताब, कॉपी और पेन दे रहे हैं। वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह बेबुनियाद है।
पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर महन्त थानापति दुर्वासानंद सरस्वती की सोशल स्कैनिंग की गई। इन्हीं के अकाउंट पर वायरल वीडियो पोस्ट किया गया था। पता चला कि यह अकाउंट जनवरी 2011 को बनाया गया। इसे 19 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में तेजस्वी यादव से जुड़ी वायरल पोस्ट गलत साबित हुई। उन्हें गुलदस्ते की जगह जनता पेन और कॉपी इसलिए दे रहे हैं, क्योंकि ऐसी अपील खुद तेजस्वी यादव ने की है।
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