विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो एक नुक्कड़ नाटक यानी स्ट्रीट प्ले का दृश्य है। यह वीडियो किसी असली घटना का नहीं है। इससे पहले भी इस वीडियो को इसी फर्जी दावे और प्रोपेगेंडा के तहत फैलाया जा चुका है, जिसका विश्वास न्यूज़ ने फैक्ट चेक किया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोगों को कार से बहार निकालकर एक महिला को कथित तौर पर गोली मारते हुए देखा जा सकता है। वायरल वीडियो को शेयर करते हुए यूजर कर रहे हैं कि यह वीडियो केरल का है, जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थक महिला की धर्म विशेष के लोगों ने हत्या कर दी गई है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो एक नुक्कड़ नाटक यानी स्ट्रीट प्ले का दृश्य है। यह वीडियो किसी असली घटना का नहीं है।
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ”केरला में आरएसएस समर्थक महिला को कार से खींच कर बीच बाजार मुस्लिमों ने गोली मार दी,उसके बाद हिन्दुओं को चेतावनी दी – यदि कोई आरएसएस और बीजेपी को समर्थन देगा तो उसका यही हाल किया जायेगा,*= *आखिर कब तक मोदी जी…. कश्मीर बंगाल केरल और अब दिल्ली देश की राजधानी में भी दिन दहाड़े….आखिर कब तक…..ये कांग्रेस इंडिया सरकार जहां भी है सब जगह ऐसा ही। लेकिन बीजेपी सरकारे है जयपुर जैसा सेफ नहीं। आख़िर कब तक….सनातनियो 1 के बदले 4 नही करोगे। तुम मरते रहोगे। वन्दे मातरम् टीम।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल लेंस के जरिये वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को सर्च किया। सर्च में हमें इस मामले से जुड़ी खबर हिंदुस्तान टाइम की वेबसाइट पर मिली। 1 अक्टूबर 2017 को पब्लिश हुए आर्टिकल में वायरल वीडियो के फ्रेम्स को भी देखा जा सकता है।
यहां खबर में मलयालम अखबार मातृभूमि की एक रिपोर्ट के हवाले से लिखा गया है, वायरल वीडियो में कुछ भी वास्तविक नहीं है और न ही महिला की मौत हुई है। यह वीडियो डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) द्वारा मलप्पुरम के कलिकावु में किए गए एक नुक्कड़ नाटक की क्लिप है। यह नुक्कड़ नाटक पत्रकार-कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या का मंचन था, जिनकी 5 सितंबर को बेंगलुरु में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इसी बुनियाद पर हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया और डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के फेसबुक पेज पर हमें वायरल वीडियो 8 सितम्बर 2017 को अपलोड हुआ मिला। यहां पर भी दी गई जानकरी के मुताबिक, यह एक नुक्कड़ नाटक का मंजर है।
वायरल वीडियो का इससे पहले भी हम फैक्ट चेक कर चुके हैं और उस वक्त हमने केरल के मध्यमम डेली के संपादक, फिरोज खान से संपर्क किया था। और उन्होंने इस बारे में बात करते हुए बताया था, ”यह बेहद पुराना मामला है और वीडियो किसी सच्ची घटना का नहीं, बल्कि एक नुक्कड़ नाटक का है।”
फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को 17 सौ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो एक नुक्कड़ नाटक यानी स्ट्रीट प्ले का दृश्य है। यह वीडियो किसी असली घटना का नहीं है। इससे पहले भी इस वीडियो को इसी फर्जी दावे और प्रोपेगेंडा के तहत फैलाया जा चुका है, जिसका विश्वास न्यूज़ ने फैक्ट चेक किया था।
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