Fact Check : तेलंगाना-कर्नाटक के बीच चलने वाली स्पेशल तीर्थयात्रा ट्रेन के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर फैलाया जा रहा है भ्रम
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल वीडियो में एक विशेष तीर्थयात्रा ट्रेन दिखाई गई है, जो इस साल अगस्त में वाडी, कर्नाटक और हैदराबाद के बीच चली थी। यह कोई आम पैसेंजर ट्रेन नहीं थी।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Aug 7, 2023 at 01:17 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक ट्रेन के वीडियो को काफी शेयर किया जा रहा है। वायरल वीडियो में दिख रही ट्रेन के सामने एक मस्जिद के कटआउट को लगाया गया है और उसके आसपास उर्दू में कुछ लिखा हुआ है। ट्रेन के ऊपर और भी सजावट का सामान लगा हुआ है। पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि हैदराबाद से पश्चिम बंगाल जाने वाली पैसेंजर ट्रेन को जबरदस्ती मुस्लिम कम्युनिटी के लोगों द्वारा सजा दिया गया है।
विश्वास न्यूज़ ने पोस्ट को पड़ताल की और पाया कि यह दावा गलत है। वायरल वीडियो में एक विशेष तीर्थयात्रा ट्रेन दिखाई गई है, जो इस साल अगस्त 1-3 के बीच में वाडी, कर्नाटक और हैदराबाद के बीच चली थी। यह कोई आम पैसेंजर ट्रेन नहीं थी।
क्या हो रहा है वायरल ?
फेसबुक यूजर ‘संजय कुमार चौधरी’ ने 4 अगस्त को वीडियो को शेयर किया है और लिखा है , “हैदराबाद से पश्चिम बंगाल जाने वाली ट्रेन को जिहादियों ने मुस्लिम एक्सप्रेस बना दिया। गार्ड कह रहा है ऐसे गाड़ी नहीं जाएगी किन्तु जिहादी अड़े हैं कि गाड़ी ऐसे ही भेजो। यह कौन-सी मानसिकता है? क्या इस्लामिक राज्य बनाने की तैयारी है? ”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
पड़ताल
वायरल पोस्ट की पड़ताल के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च का सहारा लिया। वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को कीवर्ड्स के साथ गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें एक वीडियो मिला। 2 अगस्त 2023 को अपलोड इस वीडियो में इस ट्रेन को देखा जा सकता है। इस वीडियो में दिख रहा इंजन का नंबर और वायरल वीडियो में दिख रहा इंजन का नंबर सेम हैं। वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है “46 URS-E-QUADEER HAZRAT KHWAJA SYED MOHAMMED BADSHAH QUADRI CHISHTI YAMANI QUADEER HALKATTA SHAREEF” (46 उर्स-ए-कादिर हजरत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बादशाह कुलारी चिश्ती यमनी कादिर हलकत्ता शरीफ)
यहां से क्लू लेते हुए जब हमने गूगल कीवर्ड सर्च किया तो पाया, ‘हलकट्टा शरीफ‘ सैयद मोहम्मद बादशाह कादरी-उल-चिश्ती यमनी रायचुरी की दरगाह है, जिसे बादशाह कादरी के नाम से भी जाना जाता है और यह कर्नाटक के गुलबर्गा जिले के वाडी में स्थित है। लोग हर साल बदेशा क़ादरी की बरसी या ‘उर्स’ के लिए हलकट्टा शरीफ की यात्रा करते हैं। इन यात्राओं के दौरान ट्रेनों को सजाया जाता है।
थोड़ा और सर्च करने पर हमने पाया कि दक्षिण मध्य रेलवे ने 27 जुलाई, 2023 को “उर्स समारोह के लिए हैदराबाद – वाडी के बीच अनारक्षित विशेष ट्रेनों” पर एक प्रेस रिलीज जारी की थी। प्रेस रिलीज में लिखा है, “1 अगस्त, 2023 को वाडी जंक्शन के पास हलकट्टा शरीफ में महान संत हजरत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बदेशा कादरी चिश्ती यमनी के उर्स-ए-शरीफ की 46वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए चार विशेष ट्रेनें नीचे बताए अनुसार चलाई जाएंगी”
दक्षिण मध्य रेलवे हर साल उर्स उत्सव के दौरान तीर्थयात्रियों के लिए कर्नाटक में हलकट्टा शरीफ जाने के लिए इन विशेष ट्रेनों का आयोजन करता रहा है। हमें 2017 और 2018 के समान यात्रा सूचनाओं वाले ट्वीट भी मिले।
हमने इस विषय में साउथ सेंट्रल रेलवे के पीआरओ सीएच राकेश से बात की। उन्होंने कन्फर्म किया कि वीडियो एक स्पेशल ट्रेन का है, किसी पैसेंजर ट्रेन का नहीं। उन्होंने कहा, “यह एक विशेष ट्रेन है, जो हैदराबाद और वाडी के बीच संचालित की गई थी। हर साल, हजरत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बादेशा क़ादरी चिश्ती यामिनी के उर्स-ए-शरीफ के वार्षिक समारोह में आने वाले तीर्थ यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए विशेष ट्रेनें संचालित की जाती हैं। इस वर्ष 1-3 अगस्त 2023 के बीच विशेष ट्रेनों की दो राउंड यात्राएं संचालित की गईं।”
भ्रामक पोस्ट करने वाले फेसबुक यूजर ‘संजय कुमार चौधरी’ के प्रोफ़ाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर के 4000 से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं और वो मेरठ में रहते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल वीडियो में एक विशेष तीर्थयात्रा ट्रेन दिखाई गई है, जो इस साल अगस्त में वाडी, कर्नाटक और हैदराबाद के बीच चली थी। यह कोई आम पैसेंजर ट्रेन नहीं थी।
- Claim Review : हैदराबाद से पश्चिम बंगाल जाने वाली ट्रेन को जिहादियों ने मुस्लिम एक्सप्रेस बना दिया।
- Claimed By : फेसबुक यूजर ‘संजय कुमार चौधरी
- Fact Check : भ्रामक
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