विश्वास न्यूज की पड़ताल में पाया कि राष्ट्रपति मुर्मू के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर यूनियन मिनिस्टर जी किशन रेड्डी, द्रौपदी मुर्मू से मिलने के लिए और उन्हें बधाई देने के लिए पहुंचे थे। ये वीडियो उसी दौरान का है। जिसे लोग अब क्रॉप कर गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
नई दिल्ली (Vishvas News): सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति बनने से पहले उनका शुद्धिकरण करवाया गया, क्योंकि वो एक आदिवासी महिला हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर यूनियन मिनिस्टर जी किशन रेड्डी, द्रौपदी मुर्मू से मिलने के लिए और उन्हें बधाई देने के लिए पहुंचे थे। ये वीडियो उसी दौरान की गई आशीर्वचन पूजा का है, जिसे लोग अब क्रॉप कर गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
ट्विटर यूजर Ramesh Makwana ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, गजब जातिवाद है इन BJP वालो में यह लोग एक ST महिला को राष्ट्रपति तो बना दिया मगर उनका शुद्धिकरण करवा कर पूरे आदिवाशी समाज को अपमान किया है एक राष्ट्रपति का अपमान किया है फिर भी यह लोग BJP की गुलामी छोड़ते नही।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। सोचने वाली बात है कि अगर राष्ट्रपति के साथ इस तरह का व्यवहार किया गया होता, तो इससे जुड़ी कोई न कोई रिपोर्ट जरूर मौजूद होती।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो OTV नामक एक यूट्यूब चैनल पर 22 जुलाई 2022 को अपलोड मिला। कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, यूनियन मिनिस्टर जी किशन रेड्डी, द्रौपदी मुर्मू से मिलने और उन्हें बधाई देने के लिए पहुंचे थे। वीडियो में देखा जा सकता है कि पहले कुछ ब्राह्मण उन्हें मंत्र उच्चारण करते हुए आशीर्वाद देते हैं। फिर यूनियन मिनिस्टर जी किशन रेड्डी उन्हें चुनाव जीतने पर बधाई देते हैं।
हमें दावे से जुड़ा एक अन्य वीडियो V6 News Telugu के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 22 जुलाई 2022 को अपलोड मिला। कैप्शन के अनुसार, यूनियन मिनिस्टर जी किशन रेड्डी और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू सहित कई अन्य लोग द्रौपदी मुर्मू से मिलने और उन्हें बधाई देने के लिए पहुंचे थे। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि पहले उन्हें रीति-रिवाज के जरिए बधाई दी जाती है। फिर उन्हें भेंट के तौर पर एक मूर्ति दी जाती है और शॉल ओढ़ाई जाती है। द्रौपदी मुर्मू से मिलने के बाद यूनियन मिनिस्टर जी किशन रेड्डी बाहर आकर मीडिया से बातचीत करते हुए कहते हैं कि वो इस जीत से बेहद खुश हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि द्रौपदी मुर्मू देश को नई ऊंचाई पर लेकर जाएंगीं।
पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए हमने राष्ट्रपति मुर्मू के पूर्व पीएस जेपी दास से संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को उनके साथ शेयर किया और उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। द्रौपदी मुर्मू को उनके आने वाले सफर के लिए बधाई और आशीर्वाद देने गया था। उनकी भगवान में काफी श्रद्धा है, वो पूजा-पाठ करती रहती है। उन्हें ये सब बेहद पसंद है।
हमने Union Minister Kishan reddy के ऑफिस में संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। द्रौपदी मुर्मू के साथ शुद्धिकरण की प्रक्रिया नहीं की गई थी, बल्कि उन्हें उनके आने वाले सफर के लिए रीति-रिवाज के साथ बधाई और आशीर्वाद दिया गया था।
पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए हमने पंडित गोपी राम से संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो में शुद्धिकरण की प्रक्रिया नहीं की जा रही है। वीडियो में आशीर्वचन पूजा की जा रही है, जो कि बधाई और आशीर्वाद देने के लिए की जाती है, ताकि आने वाला सफर अच्छा हो।
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने एक अन्य पंडित हरिओम से भी संपर्क किया। हमने उनके साथ भी इस वीडियो को शेयर किया। उन्होंने भी हमें यही बताया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो में शुद्धिकरण नहीं, बल्कि आशीर्वचन पूजा की जा रही है।
अंत में हमने पोस्ट शेयर करने वाली यूजर Ramesh Makwana की प्रोफाइल को खंगालना शुरू किया। हमें पता चला कि यूजर को 706 लोग फॉलो करते हैं। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर सूरत का रहने वाली है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पाया कि राष्ट्रपति मुर्मू के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर यूनियन मिनिस्टर जी किशन रेड्डी, द्रौपदी मुर्मू से मिलने के लिए और उन्हें बधाई देने के लिए पहुंचे थे। ये वीडियो उसी दौरान का है। जिसे लोग अब क्रॉप कर गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
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