Fact Check : सूरत में हुए पीएम मोदी के रोड शो के वीडियो को खिलाड़ियों के प्रदर्शन का बताकर किया जा रहा वायरल 

वीडियो साल 2022 में गुजरात के सूरत शहर में हुई पीएम मोदी के रोड शो की है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ कथित यौन शोषण के आरोपों को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर खिलाड़ियों का प्रदर्शन जारी है। अब इसी से जोड़ते हुए एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। वीडियो में भारी संख्या में लोग नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि देशभर से लाखों लोग खिलाड़ियों के प्रदर्शन में शामिल होने और उन्हें समर्थन करने के लिए पहुंचे हैं।  

विश्वास न्यूज ने जब वायरल पोस्ट की जांच की तो पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो साल 2022 में गुजरात के सूरत शहर में हुए एक रोड शो का है, जिसे अब गलत दावे के साथ खिलाड़ियों के  प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

ट्विटर यूजर ‘विकास यादव प्रधान’ ने 9 मई 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए यूजर ने कैप्शन में लिखा है, खिलाड़ियों को पूरे भारत से समर्थन मिल रहा है। 

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड  टूल की मदद से वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें यह वीडियो अंकित सहारण नामक एक फेसबुक यूजर के अकाउंट पर मिला। यूजर ने 30 सितंबर 2022 को इस वीडियो को शेयर करते इसे राजस्थान के ओबीसी आंदोलन का बताया हुआ है।

इसी आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमने पाया कि ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस वीडियो को राजस्थान के ओबीसी आंदोलन का बताते हुए शेयर किया है। वहीं,  एक यूजर ने वीडियो पर कमेंट करते हुए इसे सूरत में हुई पीएम मोदी की रैली का बताया है। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने पीएम मोदी की रैली के बारे में सर्च करना शुरू किया।सर्च के दौरान हमें सूरत के एक रोड शो का वीडियो पीएम मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 29 सितंबर 2022 को शेयर किया गया है। वीडियो को गौर से देखने पर हमने पाया कि वायरल वीडियो और पीएम मोदी के वीडियो में कई समानताएं हैं। दोनों ही वीडियो में भगवा रंग के झंडे और रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति को देखा जा सकता है।

वीडियो में नजर आ रही चौक पर लगी रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति के बारे में हमने गूगल अर्थ पर सर्च करने पर पाया कि यह मूर्ति सूरत के नीलगिरी सर्कल पर लगी हुई है।

वीडियो के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए हमने गुजरात दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल वीडियो पुराना है और पीएम मोदी के रैली का है। वीडियो में नजर आ रही रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति सूरत के नीलगिरी सर्कल पर लगी हुई है।”

हमने दिल्ली जंतर-मंतर पर इस प्रदर्शन को कवर करने वाले दिल्ली दैनिक जागरण के डिप्टी चीफ रिपोर्टर शनि शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह जंतर-मंतर का वीडियो नहीं है। 

पड़ताल के अंत में हमने वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। हमने पाया कि वो समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं। सितंबर 2017 से ट्विटर पर सक्रिय हैं। यूजर को 1,231 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन के नाम पर वायरल पोस्ट की जांच की तो पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो साल 2022 में गुजरात के सूरत शहर में हुए एक रोड शो का है, जिसे अब गलत दावे के साथ  खिलाड़ियों के  प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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