Fact Check: कबीर की मजार पर चादर चढ़ाते पीएम मोदी का वीडियो चुनाव से जोड़ते हुए किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पीएम मोदी के मजार पर चादर चढ़ाने के वीडियो को लेकर किए जा रहे दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो का गुजरात चुनाव या राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से कोई संबंध नहीं है। वायरल हो रहा वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2018 का है।

Fact Check: कबीर की मजार पर चादर चढ़ाते पीएम मोदी का वीडियो चुनाव से जोड़ते हुए किया जा रहा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रही है। वीडियो में पीएम मोदी दरगाह पर चादर चढ़ाते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि चुनाव जीतने के लिए पीएम मोदी दरगाह पहुंच गए हैं। वहीं, कई यूजर्स का दावा है कि पीएम मोदी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से डर गए हैं, इसलिए उन्होंने लोगों को लुभाने के लिए दरगाह जाना शुरू कर दिया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो का गुजरात चुनाव या राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से कोई संबंध नहीं है। वायरल हो रहा वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2018 का है। जब पीएम मोदी और सीएम योगी मगहर में कबीर दास की मजार पर पहुंचे थे।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर पी अनुप्रिया एम.ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “वोट,कुर्सी और सत्ता के लिए मुस्लिमों को दामाद बनाने से भी परहेज नहीं करते।” जबकि तस्वीर पर लिखा हुआ है, “ हैरान हूँ गालिब तुम्हें मस्जिद में देख कर ऐसा भी क्या हुआ कि खुदा याद आ गया ।। यही काम कोई और नेता करें तो वो पाकिस्तानी हैं।”

पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

दूसरे फेसबुक यूजर घनश्याम बिष्टी ने पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, “यह मजार पर चादर चढा रहे हैं देख लो राहुल गांधी जी यात्रा का असर हो रहा है अंधभक्त देखें और समझे यह सब हिन्दू मुस्लिम के नाम पर लडाने वालो के चक्कर मे भाईचारा खराब ना करें।”

पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

ट्विटर पर भी यह पोस्ट काफी वायरल है। यूसुफ जमील नामक एक ट्विटर यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “हेडमास्टर मजार पर चादर चढ़ा रहे हैं, और चेले चपाटे ज़हर उगल रहें हैं।” रिपोर्ट लिखे जाने तक यूजर की पोस्ट पर 757 रिट्वीट और 1800 लाइक्स थे।

पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

https://twitter.com/yusufjamilinc/status/1579807815249854471

पड़ताल

वायरल वीडियो को लेकर किए जा रहे दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट टाइम्स नाउ की वेबसाइट पर मिली। खबर को 28 जून 2018 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, यूपी के संत कबीर नगर के मगहर में स्थित कबीर की समाधि पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने चादर चढ़ाई थी। 

टाइम्‍स ऑफ इंडिया सहित अन्य में प्रकाशित खबर के अनुसार, संत कबीर की 500वीं पुण्यतिथि पर पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी संत कबीर की मजार पर पहुंचे थे। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, दोनों नेता चादर और फूल चढ़ाने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने संत कबीर अकादमी की आधारशिला भी रखी थी और एक रैली को भी संबोधित किया था। 

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर कई अन्य कीवर्ड्स से एक बार फिर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें पूरा वीडियो पीएम मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया मिला। वीडियो को 28 जून 2018 को अपलोड किया गया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि सीएम योगी पहले दरगाह के अंदर आते हैं, फिर कुछ देर बाद पीएम मोदी आते हैं। इसके बाद पीएम मोदी और सीएम योगी संत कबीर दास की समाधि पर पुष्प और चादर चढ़ाते हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वीडियो के बारे में अधिक जानकारी के लिए यूपी भाजपा नेता विभ्राट चंद कौशिक से संपर्क किया। हमने वायरल दावे के बारे में उनसे बातचीत की। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है, यह काफी पुराना है। लोग पहले भी कई बार इस वीडियो को भ्रामक दावों के साथ शेयर कर चुके हैं।  

उत्तर प्रदेश चुनाव के समय भी यह वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल हुआ था। उस दौरान भी विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की सच्चाई बताई थी। इसे यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर पी अनुप्रिया एम. की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर उत्तर प्रदेश के लखनऊ की है। यूजर द्वारा शेयर की गई पोस्ट को देखने के बाद हमने पाया कि पी अनुप्रिया एम. एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पीएम मोदी के मजार पर चादर चढ़ाने के वीडियो को लेकर किए जा रहे दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो का गुजरात चुनाव या राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से कोई संबंध नहीं है। वायरल हो रहा वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2018 का है।

Misleading
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