विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो साल 2021 से सोशल मीडिया पर मौजूद है। इस वीडियो का हालिया किसान आंदोलन से कोई लेना- देना नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पंजाब- हरियाणा बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक वीडियो और फोटो का वायरल होना जारी है। इसी कड़ी में एक वीडियो वायरल किया जा रहा है, जिसमें कुछ लोगों को नमाज पढ़ते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करते हुए यूजर इसे हालिया किसान आंदोलन का बताकर शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो साल 2021 से सोशल मीडिया पर मौजूद है। इस वीडियो का हालिया किसान आंदोलन से कोई लेना- देना नहीं है।
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ”हरियाणा बार्डर पर हंगामा कर रहे पंजाब के किसानों में बड़ी संख्या में निहंग सिख तलवार भालों से लैस है वे मस्जिद में नवाज पढ़ते दिखे या तो ये मुस्लिम है जिन्होंने निहंग का भेष बनाया है या ये निहंग है जिन्होंने इस्लाम धर्म अपनाया है ? गजबे है।”
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी इस वीडियो को सामान्य दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल लेंस के जरिये वायरल वीडियो को तलाश किया। सर्च में हमें यह वीडियो 22 मार्च 2022 को ‘Sunil Goswami Pahlwan Ji’ नाम के एक फेसबुक पेज पर अपलोड हुआ मिला। यहां दिए गए कैप्शन में लिखा है ,’निहंग सरदारों ने मस्जिद में नमाज पढ़ना शुरू किया जय हिंद जय सियाराम।”
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने अलग- अलग कीवर्ड से वीडियो को तलाश करना शुरू किया। सर्च में हमें शेयर चैट पर ‘d€€p s@rd@rni’ नाम के एक अकाउंट पर वायरल वीडियो अपलोड हुआ मिला। यहां वीडियो को एक साल पहले पोस्ट करते हुए कैप्शन में ‘ईद मुबारक’ और ‘ईद स्पेशल’ का हैशटैग दिया गया है।
सर्च किये जाने पर यह वीडियो हमें ‘Vedic Tribe’ नाम के एक फेसबुक पर भी अपलोड हुआ मिला। हालांकि, यहां वीडियो को 2 अगस्त 2021 को अपलोड किया गया था।
विश्वास न्यूज इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि वीडियो कब या कहां का है। हालांकि, यह साफ है कि यह पुराना वीडियो है। पुष्टि के लिए हमने अंबाला के दैनिक जागरण के रिपोर्टर दीपक बहल से संपर्क किया और उन्होंने बताया कि इस वीडियो का हालिया किसान आंदोलन से कोई लेना -देना नहीं है।
भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को 5 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो साल 2021 से सोशल मीडिया पर मौजूद है। इस वीडियो का हालिया किसान आंदोलन से कोई लेना- देना नहीं है।
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