Fact Check: बाढ़ के पानी में बहते लोगों का वीडियो पाकिस्तान का नहीं, भारत का है

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो 2011 का है और भारत का है, पाकिस्तान का नहीं। घटना इंदौर की थी।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोगों को भारी बाढ़ के बहाव में बहते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को पाकिस्तान का बताकर वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो 2011 का है और भारत का है। घटना इंदौर की थी।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Tasbeeh Ullah Sangar Turangzai (Archive) नाम के इस यूजर ने वीडियो को पाकिस्तान का बताते हुए दावा किया : ‘खैबर पख्तूनख्वा में बाढ़ ने पूरे परिवार को बहा दिया।”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो के स्क्रीनग्रैब्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें वायरल वीडियो ndtv.com की 2011 की एक खबर में एम्बेड मिला। खबर क अनुसार, “इंदौर में एक परिवार के लिए पिकनिक त्रासदी में बदल गई। पातालपानी में हाल ही में हुई बारिश के कारण आई बाढ़ के कारण अचानक जलस्तर बढ़ने से एक ही परिवार के पांच सदस्य झरने में बह गए।”

हमें यह पूरा वीडियो WildFilmsIndia नाम के एक यूट्यूब चैनल पर भी 2011 में अपलोडेड मिला। वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “Family swept away by raging flood in Indore” हिंदी अनुवाद, “इंदौर में भीषण बाढ़ से बह गया परिवार।”

हमें 2011 की इंदौर में हुई इस घटना को लेकर एक खबर indiatoday.in पर भी मिली।

हमने इस विषय में नईदुनिया की इंदौर डिजिटल डेस्क हेड रुमनी घोष से बात की। उन्होंने भी कन्फर्म किया कि वीडियो इंदौर का है और 2011 का है।

आपको बता दें कि पूरे पाकिस्तान में बाढ़ का कहर जारी है और पड़ोसी मुल्क के अलग-अलग हिस्सों से बाढ़ की चपेट में आये लोगों के वीडियोज सामने आ रहे हैं। पाकिस्तान में आयी बाढ़ को लेकर ज़्यादा जानकारी जागरण की इन ख़बरों में पढ़ी जा सकती हैं।

पड़ताल के अंत में भारत के वीडियो को पाकिस्तान का बताकर वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर Tasbeeh Ullah Sangar Turangzai के 9000 से ज़्यादा फेसबुक फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो 2011 का है और भारत का है, पाकिस्तान का नहीं। घटना इंदौर की थी।

False
Symbols that define nature of fake news
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