विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि नंदी के नाम से वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। छतरपुर के पुराने वीडियो को कुछ लोग अब उज्जैन के नाम पर वायरल कर रहे हैं। इस बैल की मौत हो चुकी है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक बैल का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें इस बैल के सिर पर तीन सींग को देखा जा सकता है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को उज्जैन का बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो छतरपुर का पुराना वीडियो साबित हुआ। इस बैल की मौत हो चुकी है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई।
फेसबुक यूजर ‘शुभम अंडोला’ ने 28 जुलाई 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “उज्जैन में श्री महाकाल मन्दिर के बाहर “3 आंखों वाले तथा 3 सींग” वाले नंदी महाराज जी।”
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वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया। हमें यह वीडियो ‘प्रवीण मोहन’ नामक एक फेसबुक अकाउंट पर मिला। यूजर ने वीडियो को 7 अप्रैल 2020 को शेयर किया था। कैप्शन में वीडियो को उज्जैन का ही बताया गया है। प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें यह वीडियो साल 2018 और इसी से मिलता-जुलता एक वीडियो साल 2013 में यूट्यूब पर शेयर हुआ मिला।
जांच के दौरान हमें पत्रिका की वेबसाइट पर 25 नवंबर 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, “एक नंदी चर्चा और कौतूहल का विषय बना हुआ है। त्रिशूल जैसे तीन सींगों और माथे पर तीसरी आंख के निशान के चलते यह नंदी शिव के नंदी की तरह देखा जा रहा है। यह नंदी 12 साल पहले बुंदेलखंड के प्रसिद्ध धाम जटाशंकर किसी अज्ञात स्थान से आया था। तभी से मंदिर ट्रस्ट की देखरेख में नंदी जटाशंकर में ही रह रहे हैं। जटाशंकर आने वाले शिवभक्त इस अनोखे नंदी को लेकर श्रद्धा भाव रखते हैं। शिव का अंश मानकर ही नंदी की पूजा करते हैं।”
रिपोर्ट के अनुसार, “जटाशंकर ट्रस्ट के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल बताते हैं कि किशनगढ़ के पास किसी गांव में एक किसान की गाय ने इस अनोखे बछड़े को जन्म दिया था। दो-तीन साल की उम्र तक यह उसी किसान के पास रहा, लेकिन अचानक उग्र हो जाता था। नंदी के उधम करने से परेशान किसान उनको जटाशंकर धाम में छोड़ गया।”
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जांच के दौरान हमें 19 नवंबर 2022 को प्रकाशित दैनिक भास्कर और टीवी9 पर इस दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, छतरपुर में जटाशंकर धाम के प्रसिद्ध तीन आंखों और तीन सींगों वाले नंदी महाराज (बैल) का निधन हो गया और उसे अंतिम विदाई दी गई। वैदिक रीति-रिवाज और मंत्रोचार के साथ उनकी समाधि बनाई गई। उनके अंतिम दर्शन के लिए बुंदेलखंड, विंध्य, मालवा से लेकर उत्तर प्रदेश तक के भक्त पहुंचे।
पड़ताल के दौरान हमें 3 अक्टूबर 2018 को याहू न्यूज की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में एक वीडियो मौजूद है, जिसमें 1 मिनट 21 सेकेंड पर वायरल वीडियो से मिलती-जुलती लोकेशन को देखा जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए हमने लोक न्यास जटाशंकर धाम के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल से संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। यह वीडियो छतरपुर के जटाशंकर धाम का है। वहां पर ये नंदी रहते थे, करीब एक साल पहले उनका निधन हो गया है। जहां पर ये बैठा करते थे। वहीं पर इनको समाधि दी गई है। उनकी तीसरी आंख नहीं थी। वहां पर तीसरी आंख जैसा निशान था।”
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के करीब 5 हजार मित्र हैं। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर उत्तराखंड का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि नंदी के नाम से वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। छतरपुर के पुराने वीडियो को कुछ लोग अब उज्जैन के नाम पर वायरल कर रहे हैं। इस बैल की मौत हो चुकी है।
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