Fact Check:अस्पताल के अंदर बंदरों का यह वीडियो दक्षिण अफ्रीका का है, भारत का नहीं

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में अस्पताल के अंदर बंदरों का यह वीडियो  दक्षिण अफ्रीका का है और 2019 में इसे शूट किया गया था।

नई दिल्ली विश्वास न्यूज । सोशल मीडिया पर कुछ लोग एक वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिसमें एक अस्पताल के अंदर बंदरों को देखा जा सकता है। इस पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो भारत के किसी अस्पताल का है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में अस्पताल के अंदर बंदरों का यह वीडियो  दक्षिण अफ्रीका का है और 2019 में इसे शूट किया गया था।

क्या हो रहा है वायरल?

वायरल पोस्ट में एक वीडियो है, जिसमें एक अस्पताल के अंदर बंदरों को देखा जा सकता है। इस वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है Modern Hospital in India where educated monkeys treating the patient. जिसका हिंदी अनुवाद होता है, “भारत में आधुनिक अस्पताल जहां शिक्षित बंदर रोगी का इलाज करते हैं।”

इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

हमने इस वीडियो के स्क्रीनग्रैब निकालने के लिए Invid टूल का इस्तेमाल किया। अब हमने इन स्क्रीनग्रैबस को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया।

हमें यह वीडियो express.co.uk पर  29 मार्च, 2019 को अपलोडेड मिला। वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा था “डरबन: आरके खान अस्पताल में मरीजों के बिस्तर के नीचे और बेड के नीचे वर्वेट बंदर दौड़ते दिखते हैं। अस्पताल एक जंगल की ज़मीन पर बनाया गया है  जहां बंदर रहते थे।”

हमें 29 मार्च, 2019 को प्रकाशित डेली मेल की एक खबर में भी इस वीडियो के बारे में जानकारी मिली। खबर के मुताबिक, “बंदर दक्षिण अफ्रीका के एक अस्पताल में मरीजों को आतंकित कर रहे हैं, बीमार रोगियों से खाना चुरा रहे हैं। वीडियो को डरबन के आरके खान अस्पताल में शूट किया गया था। 543 बेड का फ्लैगशिप अस्पताल जो एक जंगल की साइट पर बनाया गया था, वहां बहुत से बंदर रहते थे।” इस आर्टिकल में इस वायरल वीडियो के स्क्रीनग्रैब्स को देखा जा सकता है।”

इस विषय में ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने इस खबर को 2019 में डेली मेल में लिखने वाले रिपोर्टर जेमी पेयट से ट्विटर पर संपर्क किया। पेयट ने कन्फर्म किया कि वायरल वीडियो साउथ अफ्रीका का है।

इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर Ali Zaib Khan @A_ZaibKhan नाम के एक ट्विटर पेज ने शेयर किया था। यूजर ने अपना अकाउंट 2015 में बनाया था।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में अस्पताल के अंदर बंदरों का यह वीडियो  दक्षिण अफ्रीका का है और 2019 में इसे शूट किया गया था।

False
Symbols that define nature of fake news
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