विश्वास न्यूज की पड़ताल में पुलिस द्वारा शख्स की पिटाई के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा झूठा निकला है। महाराष्ट्र के जालना जिले की घटना को मनगढ़ंत कहानी बना तेलंगाना के निजामाबाद की घटना बता वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। पुलिस के कुछ जवानों द्वारा एक शख्स की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वीडियो में पिट रहा शख्स एक एंबुलेंस ड्राइवर है, जिसने तेलंगाना के निजामाबाद के अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर को बंद कर दिया था। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा झूठा निकला है। महाराष्ट्र के जालना की घटना को मनगढ़ंत कहानी बना तेलंगाना के निजामाबाद की घटना बता वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर AV Afroze Ahmed ने 29 मई 2021 को वायरल वीडियो पोस्ट करते हुए अंग्रेजी में लिखा है, ‘जब पुलिस ने तेलंगाना के निजामाबाद के अस्पताल में एक एंबुलेंस ड्राइवर को ऑक्सीजन सिलेंबर बंद करते हुए पकड़ा। वजह: दो-तीन दिनों से कोई नहीं मर रहा था, एंबुलेंस को कोई बिजनेस नहीं मिल रहा था।’
इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। फेसबुक यूजर Shanmuga Srinivasan ने भी 29 मई 2021 को वायरल वीडियो पोस्ट करते हुए यही दावा किया है।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में डालकर इसके कीफ्रेम्स हासिल किए। हमने कीफ्रेम्स पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हम news360global नाम की साइट पर पहुंचे, जहां 28 मई 2021 को पब्लिश की गई एक रिपोर्ट में हमें वायरल वीडियो से मिलती-जुलती तस्वीरें मिलीं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वीडियो में दिख रहे शख्स एक बीजेपी नेता हैं और ये घटना महाराष्ट्र के जालना जिले की है। रिपोर्ट के मुताबिक, 9 अप्रैल 2021 को जालना के अस्पताल में ये मारपीट हुई थी। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इस रिपोर्ट से मिले क्लू के आधार पर हमने वायरल दावे को इंटरनेट पर और तलाशा। हमें 28 मई 2021 को हिन्दुस्तान टाइम्स के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। यह वही वीडियो है, जिसे सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। हिन्दुस्तान टाइम्स की इस वीडियो रिपोर्ट में बताया गया है कि यह घटना 9 अप्रैल 2021 को महाराष्ट्र के जालना के दीपक अस्पताल में घटी है। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस जिस शख्स की पिटाई कर रही है वह बीजेपी के यूथ सेक्रेटरी शिवराज नरियालवाले हैं। शिवराज ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि अस्पताल में उनके एक परिचित भर्ती थे, जिनका निधन हो गया। कई लोग उन्हें देखने आए, फिर अस्पताल ने पुलिस को बुला लिया। उनके मुताबिक, पुलिस उनके समुदाय के लोगों के साथ गाली-गलौज कर रही है, तो वह वीडियो बनाने लगे। इसके बाद पुलिस ने उनकी पिटाई शुरू कर दी। इस वीडियो रिपोर्ट को यहां नीचे देखा जा सकता है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जालना एसपी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। 28 मई 2021 को ही द न्यू इंडियन एक्सप्रेस पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस द्वारा बीजेपी कार्यकर्ता की पिटाई का वीडियो सामने आने पर 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
विश्वास न्यूज की अबतक की पड़ताल से ये साफ हो चुका था कि इस वीडियो का तेलंगाना के निजामाबाद से कोई लेना-देना नहीं है। वीडियो में दिख रहे शख्स भी कोई एंबुलेंस ड्राइवर नहीं, बल्कि जालना, महाराष्ट्र के स्थानीय बीजेपी नेता हैं। विश्वास न्यूज को इंटरनेट पर अपनी पड़ताल के दौरान तेलंगाना की निजामाबाद पुलिस के ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में बताया गया है कि सरकारी अस्पताल में एक शख्स की पुलिस द्वारा पिटाई का दावा झूठा है। इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल वीडियो और इसके संग किए जा रहे दावे को निजामाबाद एडिशनल डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर संग शेयर किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि ऐसी कोई घटना निजामाबाद के किसी अस्पताल में नहीं हुई है और यह दावा फर्जी है।
विश्वास न्यूज ने वायरल दावे को पोस्ट करने वाले फेसबुक यूजर Shanmuga Srinivasan की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर चेन्नई के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पुलिस द्वारा शख्स की पिटाई के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा झूठा निकला है। महाराष्ट्र के जालना जिले की घटना को मनगढ़ंत कहानी बना तेलंगाना के निजामाबाद की घटना बता वायरल किया जा रहा है।
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