Fact Check: सोलर पैनल को तोड़े जाने का वीडियो विरोध प्रदर्शन के दौरान का है, आस्था से जुड़ा दावा फर्जी

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस वीडियो को धार्मिक आस्था से जोड़कर फर्जी दावे के साथ फैलाया जा रहा है। यह वीडियो साल 2018 का महाराष्ट्र का है, जब मजदूरी न मिलने पर वहां पर काम करने वाले मजदूरों ने विरोध प्रदशन के तौर पर सोलर पैनल नष्ट कर दिए थे। इस मामले का आस्था या धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।

Fact Check: सोलर पैनल को तोड़े जाने का वीडियो विरोध प्रदर्शन के दौरान का है, आस्था से जुड़ा दावा फर्जी

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग- अलग प्लेटफार्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल किये जा रहे इस वीडियो में कुछ लोगों को खास तौर पर महिलाओं को एक छत पर लगे सोलर पैनल्स को तोड़ते हुए देखा जा सकता है। वायरल हो रहे इस वीडियो को शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि राजस्थान में एक पंडित के कहने पर सोलर को तोड़ दिया गया, क्योंकि पंडित का कहना था कि सोलर की एनर्जी से सूरज देवता को परेशानी होती है। इसी वजह से इन सोलर पैनल्स को नुकसान पहुँचाया गया।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस वीडियो को धार्मिक आस्था से जोड़कर फर्जी दावे के साथ फैलाया जा रहा है। यह वीडियो साल 2018 का महाराष्ट्र का है, जब मजदूरी न मिलने पर वहां पर काम करने वाले मजदूरों ने विरोध प्रदर्शन  के तौर पर सोलर पैनल नष्ट कर दिए थे। इस मामले का आस्था या धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “राजस्थान में एक पंडित के कहने पर सोलर को तोड़ना शुरू कर दिया.! पंडित का कहना है कि सोलर की एनर्जी से सुरज देवता को परेशानी होती है।”

 पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स निकले और कीवर्ड के साथ वीडियो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिये सर्च किया। सर्च करने पर हमें यह वीडियो 19 फरवरी 2018 को एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘मजदूरी न मिलने की वजह से महाराष्ट्र में 100 मेगावाट के सोलर प्लांट के सोलर मॉड्यूल नष्ट किये गए।’

इसी बुनियाद  पर हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया और हमें इस मामले से जुड़ी कई खबरें और वायरल वीडियो मिला। जोगो न्यूज 24×7 इंडिया नाम के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो को 21 फरवरी 2018 को अपलोड किया गया है। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, यह मामला मजदूरी न मिलने से जुड़ा है।

सर्च किये जाने पर हमें क्लाइमेट समुराई नाम की वेबसाइट इस मामले से जुड़ी खबर मिली। 15 फरवरी 2018 की खबर के मुताबिक, ‘मजदूरी न मिलने की वजह से महाराष्ट्र में 100 मेगावाट के सोलर प्लांट में सोलर पैनल तोड़ दिए गए। यह सोलर प्लांट महाराष्ट्र के चालीसगांव में स्थित है।’

यह वीडियो इससे पहले भी सोशल मीडिया पर इसी फर्जी दावे के साथ वायरल हो चुका है और उस वक्त हमने ईमेल के जरिये क्लाइमेट समुराई से संपर्क किया था। हमारे मेल का  जवाब देते हुए हमें बताया गया था कि इन सोलर पैनल को मजदूरी न मिलने की वजह से तोड़ा गया था।  

फर्जी पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि इस पेज के 5 हजार फॉलोअर्स  हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस वीडियो को धार्मिक आस्था से जोड़कर फर्जी दावे के साथ फैलाया जा रहा है। यह वीडियो साल 2018 का महाराष्ट्र का है, जब मजदूरी न मिलने पर वहां पर काम करने वाले मजदूरों ने विरोध प्रदशन के तौर पर सोलर पैनल नष्ट कर दिए थे। इस मामले का आस्था या धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।

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