Fact Check : लंदन के हिजाब विरोधी प्रदर्शन का वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ हुआ वायरल 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि लंदन में हुए प्रदर्शन के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो सांप्रदायिक घटना का नहीं है, बल्कि हिजाब विरोधी आंदोलन के दौरान का है। जिसे अब गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई व्यापक हिंसा और आगजनी के बाद से ही सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसी से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर प्रदर्शन के एक वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि हाल ही में एक मुस्लिम सादिक खान को लंदन का मेयर चुना गया है, जिसके बाद लंदन में दंगे शुरू हो गए हैं। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो साल 2022 में हुए एक हिजाब विरोधी आंदोलन के दौरान का है, जबकि सादिक खान साल 2016 से लंदन के मेयर हैं। इस वीडियो को अब सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

ट्विटर यूजर ‘मिस्टर सिन्हा’ ने 3 जुलाई 2023 को शेयर करते हुए कैप्शन में अंग्रेजी में लिखा है, लंदन ने शांतिपूर्ण पाकिस्तानी सादिक खान को मेयर चुना, नतीजा आप देख सकते हैं।

रिपोर्ट लिखे जाने तक वीडियो पर तकरीबन 10 हजार लाइक्स, 4 हजार रिट्वीट और 5 सौ कंमेंट थे। कई अन्य यूजर्स ने भी इस वीडियो को शेयर किया हुआ है।

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

यह वीडियो पहले भी सोशल मीडिया पर कई अन्य दावों के साथ वायरल हो चुका है। उस दौरान विश्वास ने दावे की पड़ताल कर सच्चाई सामने रखी थी। रिपोर्ट को यहां पर पढ़े।

हफ़पोस्ट की वेबसाइट पर 26 सितंबर 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, वायरल वीडियो लंदन में ईरान एम्बेसी के सामने हिजाब के खिलाफ हुए एक प्रदर्शन का है। ईरान में हिजाब के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को समर्थन करने के लिए लोगों ने लंदन एम्बेसी के बाहर प्रदर्शन किया था। मगर, कुछ ही देर में प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, जिसके बाद प्रदर्शन को काबू में करने के लिए दंगा नियंत्रण बल को बुलाया गया। 

https://twitter.com/PaulBrown_UK/status/1574072022182887426

वायरल वीडियो डेली मेल के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी मौजूद है। वीडियो को 26 सितंबर 2022 को अपलोड किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वीडियो लंदन के किलबर्न जिले में हिजाब के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन का है। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन को काबू में करने के लिए 12 लोगों को गिरफ्तार किया था।

अधिक जानकारी के लिए हमने टाइम्स ऑफ इंडिया लंदन की पत्रकार नाओमी कैंटन से बातचीत की। उन्होंने हमें वीडियो को लेकर बताया। यह वीडियो बर्मिंघम में हुए एक प्रदर्शन का है और तकरीबन 9 महीने पुराना है। उस दौरान ईरान में हिजाब को लेकर प्रदर्शन चल रहा था। उसी के समर्थन में लंदन में भी प्रदर्शन हुए थे। यह वीडियो उसी दौरान का है। 

यूके संसद की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, सादिक खान साल 2016 से लंदन के मेयर हैं। 

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर को 98.8 हजार यूजर फॉलो करते हैं। यूजर जनवरी 2019 से ट्विटर पर सक्रिय है। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि लंदन में हुए प्रदर्शन के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो सांप्रदायिक घटना का नहीं है, बल्कि हिजाब विरोधी आंदोलन के दौरान का है। जिसे अब गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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