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Fact Check: UP के मैनपुरी में गवाही देने के मामले दबंगों की पिटाई का दावा गलत, धान कटाई को लेकर एक ही समुदाय के बीच हुई झड़प

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर मारपीट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में गवाही देने के मामले में संबंधित पक्ष के लोगों की निर्ममतापूर्वक पिटाई की गई। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में मारपीट की यह घटना एक ही समुदाय के दो पक्षों के बीच हुई और इसका गवाही देने के मामले से कोई संबंध नहीं था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

वायरल पोस्ट में एक हिंदी चैनल का वीडियो क्लिप लगा हुआ है। फेसबुक यूजर Tanveer Raja NSUI ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ”यूपी में हर तरफ सिर चढ़कर बोल रहा है जंगलराज। कानून का उड़ रहा मखौल, फैल हुआ अजय बिष्ट का राज।। गवाही देने पर निर्ममता से पिटाई का ये वीडियो भाजपा सरकार की नाकामी की गवाही दे रहा है।”

वीडियो में संवाददाता को यह कहते हुए सुना जा सकता है,  ‘आरोपियों ने जमकर लाठी डंडों से अधमरा किया है। मामला कुर्रा थाना क्षेत्र के दुंदपुर का है। जहां पर जब खिलाफ गवाही दी, तब किस तरह मारा पीटा गया, उसकी आप एक तस्वीर देख सकते हैं। दबंगों का कहर है। गवाह को इसलिए मारा पीटा गया, क्योंकि उसने मनमुताबिक गवाही नहीं दी। उसने झूठ का साथ नहीं दिया, वह सच के साथ रहा। इसलिए उसे बेरहमी से मारा पीटा गया।’

पड़ताल

सोशल मीडिया सर्च में हमें पता चला कि इस वीडियो कई यूजर्स ने समान दावे के साथ शेयर किया है। कांग्रेस पार्टी के फेसबुक हैंडल पर भी इस वीडियो को देखा जा सकता है।

ईटीवी भारत (उत्तर प्रदेश) की खबर के मुताबिक, ‘उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के कुर्रा थाना क्षेत्र के दुंदपुर गांव निवासी वीर सिंह के शामिल खाते की जमीन में से किशन ने 2014 में गांव के ही करण पाल को जमीन का बैनामा कर दिया था। इसी के चलते करण पाल ने अपनी जमीन का हक उस जगह बताया जिस जगह वर्षों से वीर सिंह खेती कर रहे थे। खेत पर फसल काटने को लेकर विवाद हो गया। दोनों पक्षों में खुब लाठी-डंडे भी चले। सूचना पर पहुंची पुलिस मौके से दो लोगों को गिरफ्तार कर थाने लेकर चली गई।’

ट्विटर पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस वीडियो को शेयर किया है। 6 नवंबर को वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, ‘उत्तर प्रदेश में दबंगों ने गवाही देने के लिए भयावह तरीके से दलित भाइयों की पिटाई कर दी। भाजपा सरकार मूकदर्शक बनी देख रही है। हर रोज दलित-आदिवासियों पर दबंग अपराधी खुलेआम हमले कर रहे हैं। कानून-व्यवस्था का ये हाल और दलित आदिवासियों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद मैनपुरी पुलिस ने उसी दिन इस वीडियो का खंडन किया है। 6 नवंबर को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए मैनपुरी पुलिस ने लिखा, ‘सोशल मीडिया पर कतिपय चैनलों द्वारा मैनपुरी से संबंधित एक भ्रामक वीडियो चलाया जा रहा है जिसमे अनुकूल गवाही न देने पर एक वर्ग विशेष के व्यक्तियों की पिटाई का दुष्प्रचार किया जा रहा है मैनपुरी पुलिस द्वारा तथ्यपरक कार्रवाई की गई है।’

मैनपुरी के पुलिस अधीक्षक अजय शंकर राय का भी इस घटना पर दिया गया बयान मिला, जिसमें वह बता रहे हैं कि यह घटना एक ही जाति के दो पक्षों के बीच हुई मारपीट का था, जिसमें पुलिस ने कानून के मुताबिक कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रण में कर रखा है।

मामले में जारी कार्रवाई की ताजा स्थिति को जानने के लिए विश्वास न्यूज ने मैनपुरी के इंस्पेक्टर ऋषि कुमार से बात की। कुमार ने बताया, ‘यह मामला किसी दबंगों के बीच का नहीं था। धान की कटाई को लेकर एक ही जाति (क्षत्रिय) के दो पक्षों के बीच मारपीट हुई थी, जिसमें पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।’

उन्होंने बताया, ‘ दोनों पक्ष के लोगों ने प्राथमिक दर्ज कराई है। एक पक्ष की तरफ से जहां 11 लोगों को नामजद किया गया है, वहीं दूसरे पक्ष ने अपने मामले में 15 लोगों को नामजद किया है।‘

निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में दबंगों की पिटाई के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो गलत है। वास्तव में धान की कटाई को लेकर एक ही जाति के दो पक्षों के बीच मारपीट हुई थी। इसमें गवाही देने का कोई एंगल नहीं था।

  • Claim Review : यूपी में हर तरफ सिर चढ़कर बोल रहा है जंगलराज
  • Claimed By : FB User-Tanweer Raja NSUI
  • Fact Check : झूठ
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