Fact Check: पुश्तैनी जायदाद को लेकर परिवार के बीच हुई लड़ाई का वीडियो, फर्जी सांप्रदायिक दावे से वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग लाठी-डंडों से एक घर के लोगों को बेरहमी से पीटते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में महिलाओं को भी देखा जा सकता है। अब इसी वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए शेयर किया जा रहा है और यूजर दावा कर रहे हैं कि मुसलमानों ने हिन्दुओं के घरों में जाकर उन्हें लाठी डंडों से पीटा।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो राजस्थान के अलवर के थानागाजी इलाके का है, जहां एक ही परिवार के बीच पुश्तैनी जमीन और घर को लेकर लड़ाई हुई थी। इस वीडियो के साथ किया जा रहा सांप्रदायिक दावा फर्जी है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ”कहां गए समाज के ठेकेदार अलवर में मुसलमानों ने हिंदुओं को घरों में घुस कर लाठी डंडों से मारा।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

वायरल वीडियो में ‘थानागाजी’ लिखा हुआ है, अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए हमने इसी कीवर्ड से गूगल न्यूज़ पर सर्च किया। सर्च में हमने पत्रिका की न्यूज़ वेबसाइट पर एक हफ्ता पहले पब्लिश हुआ आर्टिकल मिला, जिसमें वायरल वीडियो को देखा जा सकता है। यहां खबर में दी गई मालूमात के मुताबिक, राजस्थान के अलवर में थानागाजी कस्बे के समीप खाकस्या की ढाणी में एक ही परिवार के लोगों में पुश्तैनी जमीन, मकान व रंजिश को लेकर जबरदस्त झगड़ा हुआ।

लाइव हिंदुस्तान की 19 जनवरी 2024 की खबर के मुताबिक, “राजस्थान के अलवर के थानागाजी इलाके में पुरानी रंजिश के चलते एक दर्जन बदमाशों ने एक परिवार पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। कई सालों पहले एक सदस्य का अज्ञात कारणों से देहांत हो गया था। इसके बाद जमीनी विवाद का हवाले देकर दूसरे पक्ष के लोगों ने परिवार के साथ झगड़ा शुरू कर दिया, जिसमे एक दर्जन से अधिक महिला-पुरुष घायल हो गए और 5 की हालत गंभीर होने पर उन्हें जयपुर रेफर किया गया है।”

अलवर पुलिस ने इस मामले पर एक एक्स यूजर को रिप्लाई करते हुए बताया, ”यह वीडियो पुराना है एवं दोनों पक्ष एक ही परिवार (हिंदू पक्ष) के है। दोनों पक्षों के 7 व्यक्तियों को धारा 151 CRPC में गिरफ्तार किया गया। उक्त सम्बन्ध में दोनों पक्षों द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध कराए गये हैं। प्रकरण में 3 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।”

वायरल पोस्ट से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण में जयपुर के संवाददाता नरेंद्र शर्मा से सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो अलवर का है और परिवार के बीच हुई लड़ाई का मामला है, हिन्दू-मुस्लिम एंगल गलत है।

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं और उन्हें 8 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो अलवर के थानागाजी इलाके का है, जहां एक ही परिवार के बीच पुश्तैनी जमीन और घर को लेकर लड़ाई हुई थी। इस वीडियो के साथ किया जा रहा सांप्रदायिक दावा फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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