Fact Check : महाराष्ट्र में पूर्व प्रेमिका की हत्या करने के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सरेआम रोड़ पर हत्या के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। इस घटना में  पीड़ित और आरोपी एक ही समुदाय से थे। माहौल खराब करने के मकसद से वीडियो को भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

Fact Check : महाराष्ट्र में पूर्व प्रेमिका की हत्या करने के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर किया जा रहा शेयर

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि एक विशेष समुदाय के शख्स ने आरती नाम की लड़की की सरेआम रोड पर हत्या कर दी, क्योंकि लड़की ने उसके एकतरफा प्यार को ठुकरा दिया था। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।इस मामले में पीड़ित और आरोपी एक ही समुदाय से थे। माहौल खराब करने के मकसद से वीडियो को भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर सुनील रॉय ने 1 जुलाई 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “सलीम ने अपने साथ पढ़ने वाली आरती को प्रपोज किया पर आरती ने मना कर दिया उसके बाद सलीम ने खुलेआम रोड में ही आरती का कत्ल कर दिया और लाश के पास आराम से खड़ा हो गया किसी की हिम्मत नहीं हुई उससे कुछ बोलने की  हिन्दू हिजड़े बन चुके हैं अगर ये मर्द होते तो इस जेहादी को मार मारकर 72 हूरों से मिलवा देते लेकिन सब नपुंसक देख रहे हैं। He should have been cut into to pieces there itself.  If police fail, Hindus should take and deliver justice.”

वीडियो संवेदनशील होने की वजह से हम इसका लिंक यहां पर नहीं दे रहे हैं।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट क्राइम तक की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 18 जून 2024 को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना मुंबई के पास वसई में हुई थी। जहां पर एक लड़के ने एक आपसी विवाद के चलते अपनी गर्लफ्रेंड की सरेआम हत्या कर दी। रिपोर्ट में पीड़िता का नाम आरती यादव और आरोपी का नाम रोहित यादव बताया गया है। 

पड़ताल के दौरान हमें वायरल घटना से जुड़ी एक रिपोर्ट टीवी9 की आधिकारिक वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 18 जून 2024 को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, आरती जॉब पर जा रही थी। इस दौरान उसका एक्स बॉयफ्रेंड रोहित यादव वहां पर आ गया और उसने आरती पर हमला कर दिया। उसने आरती के सिर पर रिंच से एक के बाद एक हमला किया। आरती वहीं पर बेहोश हो गई। आरोपी हमला करने के बाद वहां से भाग गया। 

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद जब तक पुलिस वहां पर पहुंची आरोपी वहां से फरार हो गया था। लेकिन वहां लगे सीसीटीवी में पूरी घटना कैद हो गई थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और घटना की जांच कर रही है। आरोपी ने पुलिस को बताया है कि आरती ने कुछ दिन पहले उससे ब्रेकअप कर लिया था। लेकिन उसे शक था कि वो किसी अन्य व्यक्ति के साथ रिलेशन में थी, जिसकी वजह से गुस्से में उस पर हमला कर दिया। 

नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 27 जून 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, वसई केस में पुलिस ने जांच के बाद कई खुलासे किए हैं। पुलिस ने बताया है कि आरोपी ने पुलिस से झूठ कहा था कि उसका नाम रोहित यादव है और अनाथ है। वो हरियाणा का रहने वाला है। पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि शख्स उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का रहने वाला है और 12 साल पहले अपने घर से भाग गया था। उसके पिता ने गाजियाबाद जिले के पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसका नाम रोहित यादव नहीं, बल्कि रोहित पाल है। आरोपी अनाथ नहीं है, उसके माता-पिता और दो बहनें हैं। 

अधिक जानकारी के लिए हमने इस घटना को कवर करने वाले मिड-डे के रिपोर्टर दिवाकर शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा गलत है। दोनों पीडिता और आरोपी एक ही समुदाय के हैं।

वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को कर्नाटक का रहने वाला बताया हुआ है। यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट करने वाले ग्रुप से जुड़ा हुआ है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सरेआम रोड़ पर हत्या के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। इस घटना में  पीड़ित और आरोपी एक ही समुदाय से थे। माहौल खराब करने के मकसद से वीडियो को भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट