Fact Check: इंग्लैंड की ट्रेन ऑफ़ लाइट्स का वीडियो तेजस ट्रेन के नाम से हुआ वायरल

विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो का भारतीय रेलवे से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो क्रिसमस और न्यू ईयर के मौके पर इंग्लैंड में चलाई गई एक विशेष ट्रेन का है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक ट्रेन के वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि न्यू ईयर के मौके पर तेजस ट्रेन को नया रूप दिया गया है। वीडियो में लाइटों से सजी हुई एक ट्रेन पेड़ों के बीच से गुजरती हुई नजर आ रही है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये मुंबई से गोवा जाने वाली तेजस ट्रेन है। विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो का भारतीय रेलवे से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो क्रिसमस और न्यू ईयर के मौके पर इंग्लैंड में चलाई गई एक विशेष ट्रेन का है।

क्या है वायरल दावे में?


फेसबुक यूजर Akash Jaiswal ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है _तेजस एक्स्प्रेस,मुंबई ते गोवा।

यहां वायरल मैसेज को ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। फेसबुक पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल –

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कुछ कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो इंग्लैंड के एक पेशेवर फोटोग्राफर स्कॉट विलियम्स के फेसबुक अकाउंट पर 24 नवंबर 20121 को अपलोड मिला। कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, स्कॉट विलियम्स ने इस दृश्य को इंग्लैंड के गुडिंगटन के रूट पर कैमरे में कैद किया था।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट इंग्लैंड की वेबसाइट Devonlive पर प्राप्त हुई। 4 दिसंबर 2021 को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक, वायरल वीडियो में नजर आ रही ट्रेन का नाम “ट्रेन ऑफ़ लाइट्स” है। ट्रेन ऑफ़ लाइट्स डार्टमाउथ स्टीम (Dartmouth Steam) रेलवे और रिवर बोर्ड (River Board Company) कंपनी द्वारा दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में क्रिसमस के दौरान सालाना चलने वाली एक विशेष ट्रेन है। इस साल ट्रेन 24 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच संचालित हुई थी।

अधिक जानकारी के लिए हमने इंग्लैंड की डार्टमाउथ स्टीम रेलवे की वेबसाइट को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें ट्रेन ऑफ़ लाइट्स की कई अन्य तस्वीरें और वीडियो वेबसाइट पर अपलोड मिले। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, इस साल ट्रेन को 24 नवंबर से 30 दिसंबर तक के लिए संचालित किया गया था।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने भारतीय रेलवे के सीपीआरओ दीपक चतुर्वेदी से संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को वॉट्सऐप के जरिए उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। रेलवे इस बार न्यू ईयर के मौके पर कुछ खास तैयारी करने की योजना बना रहा है। हालांकि, यह दावा गलत है, वीडियो का भारतीय रेलवे से कोई संबंध नहीं है।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Akash Jaiswal की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर के फेसबुक पर 300 से ज्यादा फ्रेंड्स हैं। Akash Jaiswal उत्तर प्रदेश के वाराणसी का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो का भारतीय रेलवे से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो क्रिसमस और न्यू ईयर के मौके पर इंग्लैंड में चलाई गई एक विशेष ट्रेन का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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