Fact Check: कोलकाता में एक व्यवसायी के घर पर पड़े ईडी के छापे के वीडियो को AAP नेता के नाम से किया जा रहा है वायरल
गुजरात में आम आदमी पार्टी के नेता के घर ईडी के छापे को लेकर वायरल किया जा रहा वीडियो गुजरात का नहीं, बल्कि कोलकाता का है। वायरल वीडियो का आम आदमी पार्टी के किसी नेता से कोई संबंध नहीं है। वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
- By: Jyoti Kumari
- Published: May 24, 2023 at 06:15 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में कथित घोटाले को लेकर जांच एजेंसियों की कार्रवाई लगातार जारी है। आज 24 मई 2023 को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह के करीबियों के परिसरों समेत कई जगहों पर नए सिरे से तलाशी ली गई। संजय सिंह ने वीडियो जारी कर दावा किया कि ईडी आप नेता अजीत त्यागी, सर्वेश मिश्रा और अन्य साथियों के घरों पर छापेमारी कर रही है। इस बीच एक वीडियो को शेयर किया जा रहा है, जिसमें कुछ लोगों को मशीनों से नोटों के बंडल को गिनते हुए देखा जा सकता है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि गुजरात में आम आदमी पार्टी के नेता शेखर अग्रवाल के घर पर रेड पड़ी है।
विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो आम आदमी पार्टी के नेता के घर रेड का नहीं है, बल्कि कोलकाता के एक कारोबारी के घर पर पड़े ईडी के छापे से जुड़ा है, जहां करीब 17 करोड़ रुपये कैश में बरामद किए गए थे। वीडियो को आम आदमी पार्टी (आप) से जोड़कर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। पहले भी यह वीडियो अलग-अलग दावों के साथ वायरल होता रहा है।
क्या हो रहा है वायरल?
फेसबुक यूजर आरके अग्रवाल (RK Agarwal) ने 24 मई को वीडियो को शेयर किया है। वीडियो को शेयर कर कैप्शन में लिखा है, “गुजरात के सूरत में
देश की सबसे ईमानदार पार्टी
आम आदमी पार्टी के ईमानदार नेता
शेखर अग्रवाल के घर पर RAID पड़ी है।
इतनी रकम देखकर आपको इनकी
ईमानदारी और इनकी चुनाव की तैयारी
का आंकलन हो जाएगा ।”
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
वायरल वीडियो की जांच करने के लिए सबसे पहले वीडियो के की-फ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। हमें वायरल वीडियो बिजनेस टुडे के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। 12 सितंबर 2022 को अपलोड वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, “प्रवर्तन निदेशालय ने 10 सितंबर को मनी-लॉन्ड्रिंग जांच के हिस्से के रूप में ई-नगेट्स नामक कोलकाता स्थित एक मोबाइल गेमिंग ऐप कंपनी के प्रमोटरों पर छापा मारने के बाद 17 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की। ईडी के अनुसार,आमिर खान नामक एक व्यक्ति ने ई-नगेट्स नाम से एक मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन लॉन्च किया, जिसे जनता को धोखा देने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया था।” वीडियो में वायरल वीडियो के दृश्य को देखा जा सकता है।
सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट एनडीटीवी इंडिया के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर भी मिला। 11 सितंबर 2022 को अपलोड वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, “कोलकाता में ईडी ने एक मोबाइल गेमिंग ऐप से जुड़े मामले में छापेमारी की। अब तक सत्रह करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है। नोट गिनने के लिए आठ मशीनें लगाई गई।”
पहले इस वीडियो को शेयर कर दावा किया गया था कि गुजरात के सूरत के कपड़ा व्यापारी शेखर अग्रवाल के घर पर ईडी की रेड में भारी मात्रा में नोटों को बरामद किया गया। कपड़ा व्यापारी शेखर अग्रवाल पहले कांग्रेस में थे, जो बाद में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
एक बार फिर इस वीडियो को शेयर किया गया, जिसमें दावा किया गया था कि केरल में आतंकी संगठन PFI के ऑफिस से 2000 करोड़ रुपया मिले हैं। आप हमारी दोनों वीडियो को लेकर की गई पड़ताल को यहां पढ़ सकते हैं।
वीडियो के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए हमने गुजरात दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वीडियो गुजरात का नहीं है। वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।”
पड़ताल के अंत में हमने वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर आरके अग्रवाल (RK Agarwal) की प्रोफाइल को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के फेसबुक पर 5 हजार मित्र हैं। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर को 27 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: गुजरात में आम आदमी पार्टी के नेता के घर ईडी के छापे को लेकर वायरल किया जा रहा वीडियो गुजरात का नहीं, बल्कि कोलकाता का है। वायरल वीडियो का आम आदमी पार्टी के किसी नेता से कोई संबंध नहीं है। वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
- Claim Review : गुजरात में आम आदमी पार्टी के नेता शेखर अग्रवाल के घर पर रेड पड़ी है।
- Claimed By : फेसबुक यूजर- RK Agarwal
- Fact Check : भ्रामक
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