Fact Check: स्कूल में बच्चों द्वारा किये गए नाटक मंचन के वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ किया जा रहा है शेयर

विश्वास न्यूज़ की जांच में वायरल दावा भ्रामक निकला। बच्चों द्वारा किये गए नाटक मंचन के वीडियो के कुछ हिस्से को सांप्रदायिक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

Fact Check: स्कूल में बच्चों द्वारा किये गए नाटक मंचन के वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ किया जा रहा है शेयर

विश्वास न्यूज़ ( नई दिल्ली )। एक स्कूल के कुछ बच्चों के नाटक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 30 सेकंड के इस वायरल वीडियो में भारत माता के वेशभूषा में सजी एक बच्ची को और कुछ बच्चों को भारत माता की पोशाक पहने बच्ची के सिर से मुकुट हटाते हुए देखे जा सकते हैं। वीडियो में आगे बच्ची के आसपास खड़े दूसरे बच्चे उसके साथ बैठकर नमाज पढ़ते दिखते हैं। दावा किया जा रहा है कि  ‘भारत माता के सिर से मुकुट हटा कर उनसे नमाज पढ़ाई जा रही हैं। विश्वास न्यूज़ ने वायरल वीडियो कि जांच की और दावे को भ्रामक पाया। बच्चों द्वारा किये गए नाटक मंचन के वीडियो के कुछ हिस्से को सांप्रदायिक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर “ब्रजेश शुक्ला मोहित” ने 16 अगस्त को वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “भारत माता के सिर से मुकुट हटा कर उनसे नमाज पढ़ाई जा रही हैं ये सब इन स्कूल की मिलीभागत से हो रहा हैं इस स्कूल पर तुरंत कारवाई होनी चाहिए । स्कूल- शिशु भारतीय विद्यालय मालवीय नगर, ऐशबाग लखनऊ ।

कई अन्य यूज़र्स ने मिलते-जुलते दावों के साथ वीडियो को शेयर किया है। फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को हूबहू लिखा गया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें abbonews.com नाम की वेबसाइट पर वायरल दावे से जुड़ी खबर प्रकाशित मिली। प्रकाशित खबर में वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया। दी गई जानकारी मुताबिक, ‘यह वीडियो ऐशबाग के मालवीय नगर स्थित ‘शिशु भारतीय विद्यालय’ का है। जहाँ बच्चों ने एक नाटक किया था।

जांच में हमें टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार अरविंद चौहान द्वारा वायरल वीडियो का दो मिनट बीस सेकंड का लंबा वीडियो मिला। वीडियो में सबसे पहले भारत माता की वेशभूषा में सजी बच्ची पर कुछ बच्चे फूल बरसाते हैं और बैकग्राउंड में घंटियां बजती हैं। फिर कुछ बच्चे मुस्लिम गेटअप में आकर भारत माता को हिजाब पहनाते हैं तो नमाज़ की आवाज़ आती है। वीडियो में आगे गुरबाणी सुनाई देती है। अंत में क्रिश्‍चियन धर्म को दिखाया गया है।

https://twitter.com/arv_ind_chauhan/status/1559146561954664449

पत्रकार अरविंद चौहान द्वारा किये गए ट्वीट में हमें शिशु भारतीय विद्यालय की अध्यापिका प्रगति निगम का वीडियो भी मिला। प्रगति निगम ने ही इस नाटक को कोरियोग्राफ किया था। वीडियो में उन्हें बोलते हुए सुना जा सकता है, ‘वायरल वीडियो एडिटेड है। वीडियो के एक हिस्से को काटकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। मैंने चार धर्मों को लेकर ये नाटक बनाया था। मेरा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है।

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो जिसमें थाना बाजारखाला क्षेत्रान्तर्गत एक विद्यालय मे बच्चों द्वारा किये जा रहे कार्यक्रम के सम्बन्ध में। ‘ ट्वीट को यहाँ देखा जा सकता है।

वायरल वीडियो को लेकर हमने लखनऊ डीएसपी सुनील शर्मा से सम्पर्क किया। उन्होंने हमें बताया, ‘स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बच्चों द्वारा नाटक का मंचन किया गया था, जहां सभी धर्मों की पूजा-अर्चना को दिखाया गया था। पर किसी ने क्लिप किए गए वीडियो को सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ शेयर कर दिया। वायरल दावा पूरी तरह गलत है।

पड़ताल के अंत में हमने इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर की जांच की। जांच में हमने पाया कि यूजर उत्तर प्रदेश के हरदोई का रहने वाला है। फेसबुक पर यूजर के 2 हज़ार से ज्यादा फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की जांच में वायरल दावा भ्रामक निकला। बच्चों द्वारा किये गए नाटक मंचन के वीडियो के कुछ हिस्से को सांप्रदायिक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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