Fact Check : डॉक्‍युमेंट्री के एडिटेड हिस्‍से को सावरकर का असली फुटेज समझकर किया गया वायरल

विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की और पाया कि असल में ये भारत सरकार द्वारा बनाई गई एक डॉक्युमेंट्री का हिस्सा है, जिसे लोग असली सावरकर की फुटेज समझ कर शेयर कर रहे हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि इसमें नजर आ रहे शख्स विनायक दामोदर सावरकर हैं। दावा यह भी किया जा रहा है वीडियो उनके अंडमान की जेल में बिताए गए समय का असली फुटेज है। इसे एक ब्रिटिश पत्रकार ने शूट किया था और बीबीसी ने अपने चैनल पर चलाया था। विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की और पाया कि असल में ये भारत सरकार द्वारा बनाई गई एक डॉक्युमेंट्री का हिस्सा है, जिसे लोग असली सावरकर की फुटेज समझ कर शेयर कर रहे हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर दिवाकर पांडे ने वायरल वीडियो को 5 जुलाई को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “ब्रिटिश पत्रकार ने अंडमान की सेल्यूलर जेल में कालापानी की सजा काट रहे वीर सावरकर का दुर्लभ वीडियो फुटेज जारी किया था। बीबीसी ने भी अपने चैनल पर दिखाया था। सावरकर को कोसने वालों को वास्तव में चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए।”

पोस्‍ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल करने के लिए हमने वीडियो को ध्यान से देखा। गौर करने पर हमने पाया कि वायरल वीडियो पर नीचे की तरफ फिल्म्स डिवीजन का लोगो लगा हुआ है। फिल्म्स डिवीजन भारत सरकार के केंद्रीय सूचना मंत्रालय के अंतर्गत आता है। यह सामाजिक मुद्दों पर फिल्म, डॉक्युमेंट्री और शॉर्ट वीडियोज बनाता है। फिल्म्स डिवीजन की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, भारत सरकार ने 1983 में प्रेम वैद्य के साथ मिलकर सावरकर के जीवन पर आधारित तीन फिल्में बनाई था।

हमें यह पूरा वीडियो सूचना मंत्रालय के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 14 अगस्त 2014 को अपलोड मिला। दी गई जानकारी के अनुसार, यह विनायक दामोदर सावरकर पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री है। इस डॉक्युमेंट्री में उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में दिखाया गया है। वायरल वीडियो वाले हिस्से को 25 मिनट 8 सेकेंड्स से लेकर 29 मिनट 42 सेकेंड्स तक देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस विषय में जाने-माने एंटरटेनमेंट पत्रकार पराग छापेकर से बात की। उन्होंने हमें बताया, “यह वीडियो सावरकर पर बनी एक डॉक्युमेंट्री का हिस्सा है।”

विश्वास न्यूज़ ने एक बार पहले भी इस दावे की जांच की थी। उस फैक्ट चेक को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने अब वायरल वीडियो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर दिवाकर पांडे का सोशल बैकग्राउंड चेक किया। हमें पता चला कि यूजर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। फेसबुक यूजर को 4000 से ज़्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की और पाया कि असल में ये भारत सरकार द्वारा बनाई गई एक डॉक्युमेंट्री का हिस्सा है, जिसे लोग असली सावरकर की फुटेज समझ कर शेयर कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट