Fact Check : तेलंगाना में टीआरएस और बीजेपी के बीच हुई भिड़ंत के वीडियो को कर्नाटक चुनाव से जोड़कर किया जा रहा शेयर

तेलंगाना के जनगांव में भाजपा व टीआरएस कार्यकर्ताओं के बीच 9 फरवरी 2022 को भिड़ंत हो गई थी। उसी घटना के वीडियो को कुछ लोग कर्नाटक चुनाव से जोड़ते हुए वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मतदान के बीच सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्लेटफार्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में भारतीय जनता पार्टी का स्कार्फ पहने कुछ लोगों को भागते और मारपीट करते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा कि कर्नाटक में जनता ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर भगाया। 

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट को फर्जी पाया। वायरल वीडियो का कर्नाटक चुनाव से कोई संबंध नहीं है, असलियत में यह वीडियो तेलंगाना का है। तेलंगाना के जनगांव में भाजपा व टीआरएस कार्यकर्ताओं के बीच 9 फरवरी 2022 को भिड़ंत हो गई थी। उसी घटना के वीडियो को कुछ लोग कर्नाटक चुनाव से जोड़ते हुए वायरल कर रहे हैं।

क्या हो रहा है वायरल ?

ट्विटर यूजर ‘मनीष कुमार एडवोकेट’ ने 8 मई 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। यूजर ने कैप्शन में लिखा है, “BJP के कार्यकर्ताओं को ग्रामीणों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा #कर्नाटक का विडियो बताया जा रहा है वायरल।”  #KarnatakaAssemblyElection2023

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://twitter.com/manishkumarttp/status/1655501043718057985

पड़ताल 

वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को गौर से देखा। हमने पाया कि वीडियो में मौजूद दुकानों के बोर्ड पर दक्षिण भारतीय भाषा में लिखा हुआ है। साथ ही हमें वीडियो में एक बोर्ड पर जनगांव ट्रैफिक पुलिस लिखा हुआ नजर आया।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें यह वीडियो ‘टीवी9 तेलुगू लाइव’ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 9 फरवरी 2022 को अपलोड हुआ मिला। मौजूद जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो तेलंगाना के जनगांव का है। जहां एक प्रोटेस्ट के दौरान टीआरएस और भाजपा वर्कर्स में भिड़ंत हो गई थी।

अन्य वीडियो को यहां पर देखा जा सकता है। 

न्यू इंडियन एक्सप्रेस पर 10 फरवरी 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनगांव जिले में टीआरएस के कार्यकर्ता पीएम मोदी का पुतला जलाने की कोशिश कर रहे थे। तभी बीजेपी कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और उन्हें रोकने लगे। इसी दौरान टीआरएस और भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई। 

तेलंगाना टुडे ने भी इस खबर को प्रकाशित किया था।

अधिक जानकारी के लिए हमने कर्नाटक बीजेपी के प्रवक्ता प्रताप कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो पुराना है और तेलंगाना का है। इसका कर्नाटक चुनाव और बीजेपी से कोई संबंध नहीं है। 

जांच के अंत में हमने वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के ट्विटर अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि 7,325 फॉलोअर्स हैं। यूजर नवंबर 2015 से ट्विटर पर सक्रिय हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि तेलंगाना के जनगांव में भाजपा और टीआरएस कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प के वीडियो को कर्नाटक चुनाव का बताकर वायरल किया जा रहा है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

False
Symbols that define nature of fake news
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