विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल वीडियो चेन्नई के पेरंबूर रेलवे स्टेशन पर छात्रों के दो गुटों के बीच हुई झड़प का है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पथराव के एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को ट्रेन के हॉर्न के कारण नमाज पढ़ने में परेशानी हो रही थी। इसलिए उन लोगों ने ट्रेन पर पथराव करना शुरू कर दिया। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल वीडियो चेन्नई के पेरंबूर रेलवे स्टेशन पर छात्रों के दो गुटों के बीच हुई झड़प का है।
फेसबुक यूजर स्वर्णिम हिंद का स्वर्णिम स्वप्न ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “ट्रेन ने जरूर आपत्तिजनक नारे लगाए होंगें… मज्जिद के सामने से DJ बजा कर साम्प्रदायिक ट्रेन ने शोभायात्रा निकाली होगी…वरना शांतिप्रिय मोमिन बिना वजह कहाँ किसी पर हमला करता है।”
इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स इससे मिलते-जुलते दावों को शेयर कर रहे हैं।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट News18 Tamil Nadu 12 अप्रैल 2022 को अपलोड मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो चेन्नई के पेरंबूर रेलवे स्टेशन पर छात्रों के दो गुटों के बीच हुई झड़प का है। Etv bharat पर 13 अप्रैल 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, पेरंबूर रेलवे स्टेशन के पास कॉलेज के छात्रों के दो गुटों ने आपस में भिड़ कर पत्थरबाजी की थी।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट जी न्यूज तमिल की वेबसाइट पर 12 अप्रैल 2022 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, ये वीडियो पचैयप्पा कॉलेज और स्टेट कॉलेज (Presidency College)) के छात्रों के बीच हुई झड़प का है। स्टेट कॉलेज के छात्र तिरुपति की ओर जाने वाली ट्रेन और पचैयप्पा कॉलेज के छात्र अरक्कोनम एक्सप्रेस ट्रेन पर सवार थे। इसी बीच स्टेट कॉलेज के छात्रों ने शिकायत कर यात्रियों से जबरदस्ती ट्रेन को रुकवा लिया और इसके बाद वो पचैयप्पा कॉलेज के छात्रो पर पत्थरबाजी करने लगे। Daily Thanthi की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में पुलिस ने 15 छात्रों को गिरफ़्तार किया था।
अधिक जानकारी के लिए हमने चेन्नई के पत्रकार LDI Cyril से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। ये वीडियो छात्रों के दो गुटों ने के बीच हुई झड़प का है। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।
पड़ताल के अंत में हमने दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर स्वर्णिम हिंद का स्वर्णिम स्वप्न के अकाउंट की स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यह पेज फेसबुक पर 3 नवंबर 2011 से सक्रिय है। 2 लाख 70 हजार से ज्यादा लोग इसे फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल वीडियो चेन्नई के पेरंबूर रेलवे स्टेशन पर छात्रों के दो गुटों के बीच हुई झड़प का है।
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