Fact Check: 2019 में बंगाल में हुए सीएए विरोध प्रदर्शन का वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ करते लोगों का वायरल वीडियो किसी हालिया घटना का नहीं,बल्कि साल 2019 में पश्चिम बंगाल में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन का है, जिसे अब सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोगों को एक रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ करते देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर कर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है और दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो बंगाल के नवपाड़ा महिषासुर रेलवे स्टेशन का है, जहां ट्रेन की सीटी की आवाज आने के कारण लोगों को नमाज पढ़ने में परेशानी हो रही,  जिस कारण उन्होंने रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो हालिया नहीं है। यह वीडियो साल 2019 में पश्चिम बंगाल में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन का है, जिसे अब सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘Rajesh Chourasiya’  ने 8 जुलाई 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “पश्चिम बंगाल के महिषासुर रेलवे स्टेशन को जिहादियों ने किया नष्ट। ममता बानो शासित बंगाल में जिहादीयों की बढ़ी हिम्मत तो देखिए। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में स्थित महिषाशूर रेलवे स्टेशन  को यह कहकर नष्ट कर दिया गया कि ट्रेन की सीटी की आवाज से उनकी नमाज में खलल पड़ रहा है। हम भारत का भविष्य देखने में सक्षम हैं। उपरोक्त कृत्य का जवाब भारत की वर्तमान सरकार को देनी चाहिए क्योंकि अब मामला सेंट्रल गवर्नमेंट के अंतर्गत संपत्तियों के नष्ट कर समस्त जनमानस की सुविधाओं को बाधित करने का है l”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल

यह दावा एक बार पहले भी भ्रामक दावे के साथ वायरल हो चुका  है। उस समय भी हमने इस दावे की पड़ताल की थी। उस समय दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया था । हमें यह वीडियो वाइल्ड फिल्म्स इंडिया नामक एक यूट्यूब चैनल पर 18 नवंबर 2020 को अपलोड हुआ मिला था। वहां मौजूद जानकारी के अनुसार, वायरल वीडियो बंगाल में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन का था। उस समय हमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते कई अन्य वीडियो फेसबुक पर साल 2019 में इसी जानकारी के साथ शेयर हुए मिले थे कि यह वीडियो बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रेलवे स्टेशन का है।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो का एक लंबा वर्जन मोहम्मद एजाज अहमद नामक एक यूट्यूब चैनल पर 14 दिसंबर 2019 को शेयर हुआ मिला था। यहां पर भी वीडियो को सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन का बताया गया था।

संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट बंगाल की स्थानीय वेबसाइट ईआईसमय.कॉम पर 15 दिसंबर 2019 को प्रकाशित हुई मिली थी। रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल में सीएए के खिलाफ कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे। लोगों ने कई शहरों में तोड़फोड़ और हिंसा की थी। मुर्शिदाबाद जिले के रेलवे स्टेशन पर आग लगाने और तोड़फोड़ की खबरें आने के बाद प्रदेश सरकार ने लोगों से हिंसा न करने की अपील की थी।

इस वीडियो को लेकर उस समय विश्वास न्यूज़ ने मुर्शिदाबाद जिले के स्थानीय पत्रकार आनंद साहा से भी बातचीत की थी। उन्होंने हमें बताया था, “वायरल वीडियो  साल 2019 का है, जब लोगों ने यहां पर सीएए को लेकर कई विरोध प्रदर्शन किए थे।  इस दौरान लोगों ने नवपाड़ा महिषासुर समेत कई अन्य रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ की थी। ये वीडियो इस घटना के दौरान का है।”

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर राजेश चौरसिया  (Rajesh Chourasiya) को करीब 3000 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ करते लोगों का वायरल वीडियो किसी हालिया घटना का नहीं,बल्कि साल 2019 में पश्चिम बंगाल में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन का है, जिसे अब सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट