Fact Check: बांग्लादेश में लूट में शामिल लोगों की पिटाई के वीडियो को गलत व सांप्रदायिक दावे से किया जा रहा शेयर

बांग्लादेश में सियासी उथल-पुथल और राजनीतिक अनिश्चितता के हालात के बीच लूटपाट  की घटना के वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ यह बताते हुए शेयर किया जा रहा है कि वहां की सेना, उपद्रवियों के साथ मिलकर हिंदुओं को उनके घरों से बेदखल कर रही है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बांग्लादेश में जारी उथल-पुथल के बीच सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश की सेना वहां के उपद्रवियों के साथ मिलकर हिंदुओं को उनके घरों से बेदखल कर रही है और उन्हें जबरन वहां से भगाया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो लूट की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ सेना की कार्रवाई का है। वीडियो में जिन लोगों की पिटाई होती नजर आ रही हैं, वे लूट में शामिल थे और वहां सेना के पहुंचने के बाद ये भागने लगते हैं। इस दौरान सेना के जवान उन लोगों की पिटाई करते हैं, जो सामान लूटकर भाग रहे होते हैं।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Mamta Mehra’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “अब तो बांग्लादेसी जिहादियों के साथ वहां की आर्मी भी खुलकर समर्थन कर रही है और हिंदुओं को घर से निकाल निकाल कर मारा और बांग्लादेश से भगाया जा रहा है।”

विश्वास न्यूज के टिपलाइन पर भी कई यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।

विश्वास न्यूज के टिपलाइन पर भेजा गया वीडियो।

पड़ताल

जांच की शुरुआत करते हुए हमने वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो में कई लोगों को एक इमारत से निकलकर भागते हुए देखा जा सकता है। कुल एक मिनट 30 सेकेंड के वीडियो में 33 सेकेंड से 37 सेकेंड के फ्रेम में एक व्यक्ति को पिटाई के डर से लूटे गए सामान को सड़क पर रखकर पिटाई से बचने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है। इसके बाद अन्य फ्रेम में हमें इमारत से बाहर निकलते हुए पुरुष और महिलाएं नजर आती हैं, जो सेना के जवानों को देखते ही भागना शुरू कर देती हैं।

वायरल वीडियो का की-फ्रेम, जिसमें एक युवक को सेना के जवान के सामने लूट का सामान लौटाते हुए देखा जा सकता है।

शुरुआती अवलोकन में यह लूट का मामला प्रतीत होता है। वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह वीडियो कई बांग्लादेशी यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला।

‘Bangladhara’ यू-ट्यूब चैनल पर 10 अगस्त 2024 को अपलोड किए हुए वीडियो बुलेटिन में हमें यही वीडियो लगा मिला। बांग्ला भाषा में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह लूट कर रहे लोगों के खिलाफ सेना की कार्रवाई का वीडियो है।

यही वीडियो हमें एक अन्य यू-ट्यूब चैनल पर मिला, जिसे 10 अगस्त 2023 को अपलोड किय गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, “यह वीडियो उस वक्त का है, जब ढाका के बनानी में लूट कर रहे लोगों का सामना सेना के जवानों से हुआ।”

https://www.youtube.com/watch?v=K2FrsubR4Zk

अन्य बांग्लादेशी यू-ट्यूब चैनल्स और सोशल मीडिया यूजर्स की प्रोफाइल पर यह वीडियो समान संदर्भ के साथ साझा हुआ मिला।

जांच से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो किसी समुदाय विशेष के खिलाफ बांग्लादेशी आर्मी की एकतरफा कार्रवाई का नहीं, बल्कि लूट कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई से संबंधित है। गौरतलब है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद के देश छोड़ने के बाद प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के आधिकारिक निवास में घुसकर लूटपाट की थी।

वायरल वीडियो को लेकर हमने बांग्लादेश के फैक्ट चेकर तौसिफ अकबर से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल हो रहा वीडियो किसी समुदाय विशेष के खिलाफ हिंसा से संबंधित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस वीडियो में देखा भी जा सकता है कि कैसे एक व्यक्ति लूट का सामान लेकर भाग रहा होता है और जब उसका सामना सेना के जवान से होता है, तो वह उसे वापस लौटा देता है।

विश्वास न्यूज वायरल वीडियो के लोकेशन की पुष्टि नहीं करता है। गौरतलब है कि बांग्लादेश में कोटा सिस्टम के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान सियासी अनिश्चितता की स्थिति में राजनीतिक प्रतिस्पर्धियों के साथ वहां रहने वाले हिंदू अल्पसंख्यकों को भी निशाना बनाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंदू समुदाय के लोगों की हत्या के साथ-साथ उनके व्यवसाय, घरों और मंदिरों पर भी हमला किया गया। हालांकि, वायरल वीडियो का संबंध इस हिंसा से नहीं है।

वायरल वीडियो को गलत दावे से शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है। बांग्लादेश से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है। इससे पहले एक अन्य वायरल वीडियो के जरिए बांग्लादेश के एयरपोर्ट पर भारतीय सेना की मौजूदगी का दावा किया गया था, जिसे हमने अपनी जांच में फेक पाया था।

निष्कर्ष: बांग्लादेश में सियासी उथल-पुथल और राजनीतिक अनिश्चितता के हालात के बीच लूटपाट  की घटना के वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ यह बताते हुए शेयर किया जा रहा है कि वहां की सेना, उपद्रवियों के साथ मिलकर हिंदुओं को उनके घरों से बेदखल कर रही है।

False
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