विश्वास न्यूज की पड़ताल में बच्चे की पिटाई के वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फर्जी निकला। वीडियो सीतापुर के एक संस्कृत विद्यालय का है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक शख्स को एक बच्चे को बेरहमी से पीटते हुए देखा जा सकता है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को यह कहकर शेयर कर रहे हैं कि आरएसएस इस प्रकार बच्चों को प्रशिक्षित करता है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो 3 महीने पुराना है और सीतापुर के एक संस्कृत विद्यालय का है। सीतापुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी के अनुसार, यह स्कूल आरएसएस से सम्बंधित नहीं है। दिल्ली आरएसएस के सदस्य राजीव तुली ने भी बताया कि स्कूल आरएसएस से सम्बंधित नहीं है।
फेसबुक यूजर एंजेला मेरी (Archive) ने 14 अक्टूबर को वीडियो को पोस्ट करते हुए दावा किया, “RSS बच्चों को कैसे प्रशिक्षित करता है… भयानक वीडियो…”
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले इनविड टूल का इस्तेमाल किया। इसके माध्यम से वायरल वीडियो के कई की-फ्रेम्स निकाले। फिर उन्हें गूगल लेंस टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें इस वीडियो के स्क्रीनशॉट फीचर इमेज के रूप में 9 अक्टूबर को न्यूज़ वेबसाइट आज तक पर पब्लिश हुई एक खबर में मिले। खबर के अनुसार, ये मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर में स्थित एक गुरुकुल का है और 2 महीने पुराना है।
यहाँ से हिंट लेते हुए हमने कीवर्ड सर्च किया तो हमें इस मामले में एक खबर दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 9 अक्टूबर को प्रकाशित मिली। खबर के अनुसार, “सीतापुर के सिधौली के छाजन गांव के किशोरी बालिका विद्यालय में संचालित आवासीय संस्कृत गुरुकुल के छात्र की पिटाई के मामले में पुलिस ने आरोपित शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है। गुरुकुल में छात्र की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें छात्र की पिटाई और उसे जमीन पर पटकते हुए शिक्षक दिख रहा है। प्रबंधक ने बताया कि छात्र के गांव के अभिभावक आए थे। उन्होंने बताया कि वीडियो प्रसारित होने पर शिक्षक सतीश जोशी रविवार को छात्र के घर माफी मांगने पहुंचे थे, वहां ग्रामीणों ने उनकी पिटाई कर दी।”
इस संबंध में सीतापुर पुलिस ने ट्वीट कर स्पष्टीकरण भी दिया है।
मामले की पुष्टि के लिए हमने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सीतापुर, अखिलेश प्रताप सिंह से बात की। उन्होंने कहा, “इस मामले का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कोई जुड़ाव नहीं है। किसी ने ऐसी कोई शिकायत भी नहीं की है।”
हमने इस मामले में दिल्ली आरएसएस के वरिष्ठ सदस्य राजीव तुली से भी बात की। उन्होंने बताया, “आरएसएस और उसका कोई भी विविध संगठन संस्कृत विद्यालय नहीं चलाता।”
जांच के अंत में यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर एंजेला मेरी तमिलनाडु के तूतीकोरिन से है और फेसबुक पर उनके एक हजार फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में बच्चे की पिटाई के वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फर्जी निकला। वीडियो सीतापुर के एक संस्कृत विद्यालय का है।
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