Fact Check: पानी में खड़े होकर नमाज अदा कर रहे बांग्लादेश के लोगों का वीडियो गलत दावे के साथ वायरल 

भारत में नदी के किनारे मुस्लिमों के नमाज पढ़े जाने के सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो पुराना और बांग्लादेश का है। 

Fact Check: पानी में खड़े होकर नमाज अदा कर रहे बांग्लादेश के लोगों का वीडियो गलत दावे के साथ वायरल 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने धीरे-धीरे नदी में नमाज पढ़ना शुरू कर दिया है, ताकि धीरे-धीरे नदी और इसके आसपास के इलाकों पर कब्जा कर सकें। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है। वीडियो बांग्लादेश में आए एक तूफान के बाद का है। जिसे अब सांप्रदायिक दावे के साथ भारत का बताकर शेयर किया जा रहा है। 

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Parmesar Nath ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “देखो यह मुस्लिम क्या कर रहे हैं इन कुरान में कहीं भी नहीं लिखा कि नदी के जल में खड़े होकर नमाज पढ़ो एक षड्यंत्र है नदी पर नदी किनारे पर नदी के पानी पर कब्जा करने का।”

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल  –

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट बांग्लादेशी न्यूज चैनल Somoy TV पर 26 मई 2020 को अपलोड मिली। वीडियो में दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो भारत का नहीं, बल्कि बांग्लादेश का है।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान बंगालादेशी न्यूज वेबसाइट en.prothomalo पर वायरल दावे से जुड़ी एक खबर 25 मई 2020 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘ बांग्लादेश के कई इलाकों में चक्रवाती तूफान अम्फान ने जमकर तबाही मचाई थी। जिसके कारण खुलना के कोइरा इलाके में कई जगह लोग ईद के दिन एकत्रित नहीं हो पाए थे। जिसकी वजह से स्थानीय लोगों ने पानी में ही खड़े होकर नमाज अदा की थी।’ bangla.dhakatribune. ने भी इस खबर को प्रकाशित किया था।

अधिक जानकारी के लिए बांग्लादेश के पत्रकार Ismail Hossain Robin से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो भारत का नहीं, बल्कि बांग्लादेश का है। पहले भी यह वीडियो गलत दावे के साथ वायरल हो चुका है। हमारे द्वारा की गई फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है।

वायरल हो रहे वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है और अपनी सारी जानकारी को यूजर ने गुप्त रखा हुआ है। 

निष्कर्ष: भारत में नदी के किनारे मुस्लिमों के नमाज पढ़े जाने के सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो पुराना और बांग्लादेश का है। 

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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