विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि यह दावा गलत है। वायरल वीडियो 2023 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ की एक घटना का है, जब प्रदीप पांडे नाम के एक पुलिस इंस्पेक्टर को उत्तर प्रदेश के एंटी करप्शन विभाग ने गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। एक जुलाई से देश में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून- भारतीय न्याय संहिता (BNS) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें एक वकील की पोशाक पहने व्यक्ति को एक पुलिसकर्मी को गिरफ्तार करते हुए दिखाया गया है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि ये गिरफ़्तारी नए कानूनों के आने के बाद हुई है।
विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि यह दावा गलत है। वायरल वीडियो 2023 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ की एक घटना का है, जब एक पुलिस इंस्पेक्टर को उत्तर प्रदेश के एंटी करप्शन विभाग ने गिरफ्तार किया था।
‘Neeraj Rajput समाजसेवी’ नाम के फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया “वकील साहब ने सही किया या गलत..? नये कानून के लागू होने का असर… वकील साहब दरोग़ा को घूसखोरी के आरोप में पकड़कर ले जाते हुए”
पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखा जा सकता है।
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह वीडियो Ravindra kumar jaiswal नाम के यूट्यूब चैनल पर 17 जून 2023 को अपलोड मिला। साथ में लिखा था “योगीराज में जो भी घूसखोरी करेगा उसका यही अंजाम होगा चाहे पुलिस हो चाहे नेता मामला थाना बीकेटी लखनऊ”
कीवर्ड सर्च करने पर हमें इस घटना को लेकर कई खबरें मिलीं। हमें इस मामले में एक खबर दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर जून 2023 में पब्लिश्ड मिली। यहाँ मौजूद तस्वीर में भी वायरल वीडियो वाले पुलिसकर्मी को देखा जा सकता है। खबर की हैडलाइन थी, “लखनऊ में बीकेटी थाने का SI घूस लेते गिरफ्तार:एंटी करप्शन टीम ने थाना परिसर से 13 हजार रुपये लेते पकड़ा, जमीन विवाद का मामला।”
हमें इस घटना को लेकर एक खबर न्यूज़ ट्रैक नाम की वेबसाइट पर भी मिली। यहाँ दी गई जानकारी के अनुसार, “लखनऊ के थाना BKT में तैनात दारोगा प्रदीप पांडे को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा । इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।”
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, लखनऊ के वरिष्ठ संवाददाता अजय श्रीवास्तव से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह घटना जून 2023 की है, हालिया नहीं।
एक जुलाई से देश में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून- भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं। इन नए कानूनों को लेकर ज़्यादा जानकारी इन ख़बरों में पढ़ी जा सकती है।
वायरल दावे को Neeraj Rajput समाजसेवी नाम के एक यूजर ने शेयर किया था। इस पेज के 100 से अधिक फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि यह दावा गलत है। वायरल वीडियो 2023 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ की एक घटना का है, जब प्रदीप पांडे नाम के एक पुलिस इंस्पेक्टर को उत्तर प्रदेश के एंटी करप्शन विभाग ने गिरफ्तार किया था।
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