Fact Check: ब्रिटिश आर्मी ट्रेनिंग का नहीं है यह वीडियो

यह वीडियो एक मार्शल आर्ट ट्रेनिंग का है जो जुलाई 2013 में इटली में करवाया गया था। वीडियो का ब्रिटिश आर्मी से कोई लेना देना नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक सिख व्यक्ति को कुछ लोगों को ट्रेनिंग देते देखा जा सकता है। वीडियो को देख कर लग रहा है जैसे यह कोई मार्शल आर्ट ट्रेनिंग है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ब्रिटिश आर्मी ट्रेनिंग का कोच एक सिख। विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो एक मार्शल आर्ट ट्रेनिंग का है जो जुलाई 2013 में इटली में करवाया गया था। वीडियो का ब्रिटिश आर्मी से कोई लेना देना नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक पर RyanTaran Singh नाम के पेज ने एक वीडियो को अपलोड करते हुए डिस्क्रिप्शन लिखा: ਬ੍ਰਿਟਿਸ਼ ਆਰਮੀ ਟ੍ਰੇਨਿੰਗ ਦਾ ਕੋਚ ਇਕ ਸਿੱਖ 🥰 (हिंदी अनुवाद: ब्रिटिश आर्मी ट्रेनिंग का कोच एक सिख)

वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक।

पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो में www.shastarvidiya.org वेबसाइट का लिंक नज़र आ रहा है।

हम इस वेबसाइट पर गए। आपको बता दें कि इस वेबसाइट पर वायरल वीडियो में दिख रहे ट्रेनर के बारे में बताया गया है। वेबसाइट के अनुसार व्यक्ति का नाम निडर सिंह निहंग है और यह शास्त्र विद्या सिखाते हैं।

अब हमने थोड़ा और सर्च किया तो हमें Sanatan Shastarvidiya के यूट्यूब अकाउंट पर अपलोड यह वीडियो मिला। वीडियो जुलाई 2013 में अपलोड किया गया था और वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा गया था: “Video Demonstrating some highlights of Sanatan Shastar Vidiya Seminar in Italy 2013. This Video is not intended for instructional.”

यह बात तो साफ हो गई कि वायरल वीडियो 2013 का है और इटली में हुए मार्शल आर्ट सेमिनार का है। अब हमने वीडियो के बारे में ज्यादा पुष्टि लेने के लिए Sanatan Shastarvidiya के साथ फेसबुक के जरिए सम्पर्क किया। उन्होंने विश्वास टीम को बताया, “हम इस बात की आधिकारिक तौर पर पुष्टि करते हैं कि वायरल वीडियो गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है जिसका आयोजन गुरुदेव निडर सिंह निहंग की अगुआई में इटली में हुआ था।“

इस वीडियो को Ryan Taran Singh नाम के पेज द्वारा शेयर किया गया है।

निष्कर्ष: यह वीडियो एक मार्शल आर्ट ट्रेनिंग का है जो जुलाई 2013 में इटली में करवाया गया था। वीडियो का ब्रिटिश आर्मी से कोई लेना देना नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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