Fact Check: त्रिपुरा में एक साल पहले हुए प्रदर्शन के वीडियो को अग्निपथ योजना का बताकर किया जा रहा शेयर 

विश्वास न्यूज की पड़ताल में अग्निपथ योजना के प्रदर्शन को लेकर वायरल हो रहा दावा गलत निकला। वायरल वीडियो तकरीबन एक साल पुराना है और त्रिपुरा में हुए एक प्रदर्शन का है। जिसे सोशल मीडिया यूजर्स गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद भी सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसी से जोड़कर प्रदर्शन के एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी शख्स पुलिस को धमकी दे रहा था, लेकिन पुलिस ने ही उसे सबक सिखा दिया। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वायरल वीडियो तकरीबन एक साल पुराना है और त्रिपुरा में हुए एक प्रदर्शन का है। जिसे सोशल मीडिया यूजर्स गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। 

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर एक और इंकलाब ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “अग्निवीर जो असल अग्निवीरों के हत्थे चढ़ गया।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो 3 अगस्त 2021 को  TRIPURAINFOWAY TIWN नामक एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिली। कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, बोर्ड परीक्षा में पास नहीं हो पाने वाले माध्यमिक परीक्षार्थियों ने त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ के आवास का घेराव किया था। छात्रों ने उनके साथ घोटाले और पक्षपात का आरोप लगाया था। ये वीडियो उसी प्रदर्शन के दौरान का है। 2 मिनट 3 सेकेंड पर वायरल वीडियो वाले हिस्से को देखा जा सकता है, जहां पर एक छात्र बोलता हुआ नजर आ रहा है कि पिक्चर अभी बाकी है, ये तो सिर्फ ट्रेलर है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए जब हमने चैनल को खंगालना शुरू किया तो हमें वायरल वीडियो से जुड़ा एक अन्य वीडियो 3 अगस्त 2021 को अपलोड मिला। वीडियो में 1 मिनट 41 सेकेंड पर वायरल वीडियो वाले हिस्से को देखा जा सकता है कि जब पुलिस युवक को गिरफ्तार कर लेकर जा रही है। वीडियो में दी गई जानकारी के मुताबिक, मौजूद व्यक्ति सम्राट रॉय (अध्यक्ष, NSUI त्रिपुरा) है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने सम्राट रॉय से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। ये वीडियो तकरीबन एक साल पुराना है। कोरोना के समय सभी राज्य अपने छात्रों को प्रमोट कर रहे थे, लेकिन त्रिपुरा सरकार ने ऐसा नहीं किया था। उनका कहना था कि बच्चों को प्रमोट नहीं किया जाएगा, उन्हें परीक्षा देनी पड़ेगी। इसी मुद्दे पर हमने प्रदर्शन किया था। वीडियो का अग्निपथ के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है। 

जांच के अंतिम दौर में फेसबुक पेज एक और इंकलाब की सोशल स्‍कैनिंग की गई। इस दौरान हमें पता चला कि फेसबुक पर यूजर को 60,636 लोग फॉलो करते हैं। यह पेज 26 दिसंबर 2011 से फेसबुक पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में अग्निपथ योजना के प्रदर्शन को लेकर वायरल हो रहा दावा गलत निकला। वायरल वीडियो तकरीबन एक साल पुराना है और त्रिपुरा में हुए एक प्रदर्शन का है। जिसे सोशल मीडिया यूजर्स गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। 

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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