हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। असल में यह वीडियो गोवा का है बंगाल का नहीं। यह घटना 2008 में हुई थी।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें केसरिया चोगा पहने कुछ विदेशियों को देखा जा सकता है। वीडियो में इन विदेशियों और पुलिसवालों के बीच होती झड़प देखी जा सकती है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह विदेशी पश्चिम बंगाल में हिन्दू धर्म का प्रचार कर रहे थे, जब इन्हें रोका गया और इनके साथ मारपीट की गयी। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट में किया गया दावा गलत है। असल में यह वीडियो गोवा का है, बंगाल का नहीं। यह घटना 2008 में हुई थी।
क्या है वायरल पोस्ट में?
ट्विटर यूजर रिया अग्रवाल (किट्टू) ने यह पोस्ट शेयर की, जिसमें लिखा था- “पश्चिम बंगाल में विदेशी हिन्दू एक गाड़ी से हिन्दू धर्म का प्रचार कर रहे थे श्रीमदभागवत गीता जी की प्रतियां बांट रहे थे हिन्दू विरोधी विचारधारा वाली ममता की सेक्युलर पुलिस को जब ये खबर पता चली सेक्युलर पुलिस वाले पहुँच गए ममता की नजर में आने के लिए। प्रचार क्या बंद कराते भागना पड़ा।”
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
हमने सबसे पहले वीडियो को ठीक से देखा। वीडियो में एक जगह पुलिस की गाड़ी पर गोवा पुलिस लिखा देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पड़ताल के लिए सबसे पहले इस वीडियो के InVID टूल की मदद से कीफ्रेम्स निकाले फिर इन कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर “गोवा पुलिस” कीवर्ड्स के साथ सर्च किया। हमें यह वीडियो Девятое измерение नाम के एक रूसी यूट्यूब चैनल पर 28 अगस्त, 2013 को अपलोडेड मिला। वीडियो के साथ लिखा था, “अनुवादित: रूस से हरे कृष्णा, हम कृष्णवाद की मातृभूमि भारत गए, और वहां भी प्रदर्शन कर दिया। वहां हमारा झगड़ा हो गया। रूसी तो रूसी ही रहेंगे।”
हमें यह वायरल वीडियो “Discover Goa” नाम के एक यूट्यूब चैनल पर भी अप्रैल 2018 में अपलोडेड मिला। यहां वीडियो के साथ दिए गए डिस्क्रिप्शन के अनुसार, “रूसी पर्यटकों ने मापुसा में गोवा पुलिस पर हमला किया”
इंटरनेट पर कीवर्ड्स की मदद से इस बारे में सर्च किया। हमें इस घटना की तस्वीर के साथ एक खबर goanvoice.org.uk के न्यूज़ लेटर में मिली। 2008 के इस न्यूज़ लेटर के मुताबिक, यह घटना 26 नवंबर 2008 की है। इसमें लिखा था “अनुवादित: मापुसा पुलिस स्टेशन के पास हरे राम हरे कृष्ण भजन गायकों के रूसी सदस्यों के एक समूह द्वारा धार्मिक मंत्रों के उच्चारण ने मंगलवार को एक हिंसक रूप ले लिया, जब यह रूसी लोग पुलिस के साथ भिड़ गए। झड़पों में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए।”
इस घटना पर एक खबर heraldgoa.in पर भी 26 नवंबर 2008 को प्रकाशित मिली। मगर यह खबर पूरी खुली नहीं। हालांकि, हेडलाइन, डिस्क्रिप्शन और इसके पब्लिश होने की तारीख से पता लगता है कि यह खबर गोवा में हुई इसी घटना के बारे में है।
हमने इस विषय में पुष्टि के लिए गोवा के मापुसा पुलिस स्टेशन के स्टेशन इंचार्ज तुषार लोटलीकर से संपर्क साधा। उन्होंने हमें बताया, “यह घटना 2008 में मापुसा में हुई थी। इसमें 8 रूसियों को पुलिस से बदसलूकी और ट्रैफिक को बाधित करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। हाल में ऐसा कोई वाकया सामने नहीं आया है। “
अब बारी थी ट्विटर पर इस पोस्ट को साझा करने वाली यूजर रिया अग्रवाल (किट्टू) @kittu_thought के प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर के ट्विटर पर 1,417 फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। असल में यह वीडियो गोवा का है बंगाल का नहीं। यह घटना 2008 में हुई थी।
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