विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का पुलवामा हमले से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो साल 2007 में बगदाद में हुई एक घटना का है, जिसे गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। चार साल पहले पुलवामा हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसी हमले से जोड़कर एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में हाईवे पर गाड़ी में धमाका होते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को पुलवामा हमले का बताकर शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल वीडियो का पुलवामा हमले से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो साल 2007 में बगदाद में हुई एक घटना का है, जिसे गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
इंस्टाग्राम यूजर रेसर सागर ने वायरल वीडियो को 1 फरवरी 2023 को शेयर किया है। वीडियो पर लिखा हुआ है, सोचा असली मोहब्बत याद कर दू। 14 फरवरी पुलवामा हमले में शाहीद हुए। जवानों को शत शत नमन।
पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें। दूसरे यूजर्स भी इस दावे को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच के लिए सबसे पहले इनविड टूल की मदद से कई ग्रैब निकाले। फिर इन्हें गूगल लेंस टूल की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें यह वीडियो 1291Helvetia नामक एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 6 मार्च 2008 को शेयर किया गया है। डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, वीडियो इराक में हुई एक घटना का है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें यह वीडियो एक अन्य यूट्यूब चैनल brian spalding नामक चैनल पर मिला। वीडियो को 9 दिसंबर 2008 को शेयर किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो 2 सितंबर 2007 को बगदाद के कैम्प ताजी में हुई घटना का है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर संबंधित घटना से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें इस घटना से जुड़ी एक रिपोर्ट Mcclatchydc नामक एक वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 2 सितंबर 2007 को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, बगदाद के कैम्प ताजी में एक धमाका हुआ था, जिसमें 2 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 8 लोग जख्मी हुए थे।
मिलिटरी डॉट कॉट ने भी इस वीडियो को 1 नवंबर 2007 को शेयर किया हुआ है। वायरल वीडियो हमें यूएस टुडे की एक रिपोर्ट में भी प्रकाशित मिली।
जांच के दौरान हमें इंडियन एक्सप्रेस पर 17 फरवरी 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, “पुलवामा हमले से पहले श्रीनगर-पुलवामा हाईवे पर सीसीटीवी कैमरे मौजूद नहीं थे। ऐसे में पुलवामा हमले से जुड़े किसी वीडियो का मिलना गलत है।”
हमारी अब तक की पड़ताल से यह साबित होता है कि यह वीडियो काफी पुराना है और इसका भारत से कोई संबंध नहीं है।
अधिक जानकारी के लिए हमने आर्मी पीआरओ सुधीर चमोली से संपर्क किया। उन्होंने इसे फेक बताया।
पड़ताल के अगले चरण में फर्जी मैसेज करने वाले यूजर रेसर सागर की जांच की गई। यूजर को तकरीबन 17 सौ लोग इंस्टाग्राम पर फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का पुलवामा हमले से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो साल 2007 में बगदाद में हुई एक घटना का है, जिसे गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
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