वायरल वीडियो उम्मेद भवन जोधपुर में हुए किसी लाइट शो का नहीं, बल्कि इस्तांबुल के गलाटा टावर पर हुए प्रोजेक्शन मैपिंग शो का है। इस वीडियो को लेकर गलत दावा वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज) । सोशल मीडिया पर एक टावर पर प्रोजेक्शन मैपिंग का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को जोधपुर के मशहूर उम्मेद पैलेस का बताया जा रहा है। दावे के मुताबिक, इस लाइटनिंग को देखने का किराया 3000 रुपये है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा झूठा निकला है। इंस्ताबुल के गलाटा टावर पर हुई प्रोजेक्शन मैपिंग का एक पुराना वीडियो उम्मेद पैलेस जोधपुर के नाम से शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट ((+91 95992 99372) ) पर फेसुबक पोस्ट का एक लिंक मिला है। ‘चौपाल लूनकरनसर वासियो की’ नाम के पेज के इस पोस्ट में प्रोजेक्शन मैपिंग का एक वीडियो शेयर किया गया है। इसके साथ कैप्शन लिखा गया है, ‘यह जोधपुर का उमेद पैलेस किला है इसकी लाइटिंग देखिए लगेगा जैसे गुंबद गिर रहा है इसे देखने का किराया ₹3000’।
इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले InVID टूल की मदद से वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स निकाले। इन कीफ्रेम्स पर गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल का इस्तेमाल करने पर हमें कई परिणाम मिले। हमें ये वीडियो अलग-अलग यूट्यूब चैनलों पर मिला। ये यूट्यूब चैनल इस वीडियो को इस्तांबुल के किसी गलाटा टावर पर हुए लाइट शो का वीडियो बता रहे हैं। एक चैनल पर इस वीडियो को जून 2018 में पोस्ट किया गया है और एक पर अक्टूबर 2018 में। ये दोनों वीडियो क्रमशः नीचे देखे जा सकते हैं।
विश्वास न्यूज ने आगे की पड़ताल जारी रखते हुए जरूरी कीवर्ड्स (Galata Tower Light Show, Istanbul…) की मदद से इंटरनेट पर और सर्च किया। हमें Pro AVL Central नाम के यूट्यूब चैनल पर 30 अप्रैल को वायरल वीडियो का बड़ा हिस्सा मिला। इस वीडियो के डिसक्रिप्शन में बताया गया है कि इस्तांबुल जेनक्लिक महोत्सव (Istanbul Genclik Festivali) के प्रचार के लिए Cream Studio की तरफ से गलाटा टावर पर प्रोजेक्शन मैप शो का आयोजन किया गया था। वीडियो के अंतिम हिस्से में इस्तांबुल Genclik Festivali के बारे में डिस्प्ले की गई जानकारी देखी जा सकती है। इस वीडियो को यहां नीचे देखा जा सकता है।
कीवर्ड्स सर्च की मदद से हम Cream Studio की वेबसाइट पर भी पहुंचे। इसपर दिए गए एक पेज पर हमें गलाटा टावर पर हुए इस 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग शो की जानकारी मिली। इसे क्रीम स्टूडियो टीम ने तैयार किया है। इस पेज पर दी गई जानकारी के मुताबिक, गलाटा टावर इस्तांबुल के सबसे ऊंचे और पुराने टावरों में से एक है। 63 मीटर ऊंचे इस टावर को 14वीं शताब्दी में बनाया गया है। इस पेज पर प्रोजेक्शन मैपिंग वीडियो और उससे जुड़ी तस्वीरें भी शेयर की गई हैं। वायरल वीडियो इस पेज पर मौजूद वीडियो का एक छोटा हिस्सा है। इस पेज को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
पड़ताल के दौरान हमें गलाटा टावर पर हुए इस वीडियो प्रोजेक्शन मैपिंग शो की जानकारी इस्तांबुल मेट्रोपॉलिटन म्युनिसिपैलिटी (IBB- İstanbul Büyükşehir Belediyesi) की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद एक प्रेस रिलीज से भी मिली। इस प्रेस रिलीज को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
यानी हमारी अबतक की पड़ताल में ये साबित हो चुका था कि वायरल वीडियो इस्तांबुल में हुए प्रोजेक्शन मैपिंग शो का है।
विश्वास न्यूज ने इस संबंध में जोधपुर के वरिष्ठ पत्रकार और एडिटर सुरेश व्यास से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो में जिस तरह का टावर है, वैसी कोई संरचना उम्मेद पैलेस जोधपुर में है ही नहीं। सुरेश व्यास के मुताबिक, उम्मेद पैलेस राजपूताना शैली में बनाया गया है और एक होटल के रूप में संचालित हो रहा है। फिलहाल यहां इस तरह का कोई लाइट शो होता भी नहीं है। उनके मुताबिक, कोविड के असर से टूरिस्ट भी कम संख्या में आ रहे हैं।
हमने इस वीडियो को उम्मेद पैलेस जोधपुर का बताकर शेयर करने वाले पेज ‘चौपाल लूनकरनसर वासियो की’ को स्कैन किया। फैक्ट चेक किए जाने तक इस पेज के 15 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: वायरल वीडियो उम्मेद भवन जोधपुर में हुए किसी लाइट शो का नहीं, बल्कि इस्तांबुल के गलाटा टावर पर हुए प्रोजेक्शन मैपिंग शो का है। इस वीडियो को लेकर गलत दावा वायरल किया जा रहा है।
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