Fact Check: विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग के साथ मार्च करते नीतीश कुमार का वीडियो क्लिप 2014 का है
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग के साथ मार्च निकालते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का वायरल वीडियो क्लिप 2014 का है, जब तत्कालीन यूपीए सरकार की तरफ से सीमांध्र को विशेष दर्जा दिए जाने का विरोध करते हुए नीतीश कुमार ने पटना में मार्च निकाला था।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Jul 8, 2024 at 05:38 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सहयोग से केंद्र में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद सोशल मीडिया पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि राज्य को विशेष दर्जा देने के लिए उन्होंने पैदल मार्च निकाला।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल हो रहा वीडियो वर्ष 2014 का है, जब नीतीश कुमार ने यह मार्च निकाला था। तत्कालीन यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार की तरफ से सीमांध्र को विशेष दर्जा दिए जाने की घोषणा के बाद नीतीश कुमार ने मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया था। वायरल हो रहा वीडियो उनके इसी विरोध मार्च का है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘सीरगोवर्धनपुर डाफी’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने पैदल मार्च निकाला है! लालू यादव की कही गई बात का असर होने लगा है!! अगस्त भी आने वाला है!! #bihar #nitishkumar #laluyadavspeech.”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
वायरल वीडियो में नीतीश कुमार मार्च करते हुए नजर आ रहे हैं और उन्हें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की बात करते हुए सुना जा सकता है। वे कहते हैं कि 24 घंटों के भीतर बीजेपी की सहमति से सीमांध्र को विशेष दर्जा दिया जा सकता है, लेकिन बिहार जैसे पिछड़े राज्य की उपेक्षा की जा रही है।
सर्च में हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग के साथ नीतीश कुमार के मार्च निकाले जाने का जिक्र हो। हालांकि, हमें कई रिपोर्ट्स मिली, जिसके मुताबिक, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या स्पेशल पैकेज दिए जाने की मांग उठाए जाने का जिक्र है।
कई अन्य रिपोर्ट्स में जेडीयू की इस बैठक का जिक्र है।
हालांकि, किसी भी रिपोर्ट में हमें नीतीश कुमार के मार्च निकाले जाने का जिक्र नहीं मिला। वायरल वीडियो के ऑऱिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए हमने इसके की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च में हमें इंडिया टीवी के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर दो मार्च 2014 की रिपोर्ट मिली, जिसमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर नीतीश कुमार के पटना के गांधी मैदान में धरने पर बैठने का जिक्र है।
संदर्भ के लिए हमने एक बार फिर से न्यूज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें 20 फरवरी 2014 की रिपोर्ट मिली, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सीमांध्र क्षेत्र को पांच वर्षों के लिए विशेष दर्जा दिए जाने की घोषणा की थी।
कई अन्य रिपोर्ट्स में सीमांध्र क्षेत्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की घोषणा का जिक्र है। सीमांध्र को तत्कालीन यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार की तरफ से विशेष दर्जा दिए जाने को लेकर बिहार में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। एनडीटीवी की 23 फरवरी 2014 की रिपोर्ट के मुताबिक, जहां बीजेपी ने 28 फरवरी 2014 को रेल रोको का आह्वान किया, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने दो मार्च को बिहार बंद का आह्वान किया।
गौरतलब है कि 2010 में बिहार विधानसभा चुनाव में मिली जबरदस्त जीत के बाद नीतीश कुमार जून 2013 में बीजेपी से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हो गए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद नीतीश कुमार ने 17 मई 2014 को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और उनकी जगह जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
इसके बाद वे फरवरी 2015 में मांझी को हटाकर एक बार फिर से मुख्यमंत्री बने और इसके बाद हुए चुनाव में महागठबंधन को जबरदस् बहुमत मिला और वे फिर से मुख्यमंत्री बने। हालांकि, 2017 में वे महागठबंधन से अलग हुए और बीजेपी के सहयोग से सरकार बनाई। 2020 में राज्य विधानसभा के चुनाव हुए और नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बने, लेकिन अगस्त 2022 में वे एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हो गए। इसके बाद जनवरी 2024 में कुमार महागठबंधन से अलग हुए और फिर से एनडीए में शामिल हो गए।
2024 का लोकसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ में लड़ा और बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में जेडीयू को 12 सीटें मिली, वहीं बीजेपी को 12 और लोक जनशक्ति (राम विलास) को पांच सीटें मिली। बीजेपी इस चुनाव में अपने दम पर स्पष्ट बहुमत लाने में सफल नहीं हो पाई, लेकिन एनडीए गठबंधन बहुमत हासिल करने में सफल रही, जिसमें जेडीयू और तेलुगू देशम की 12 और 16 सीटों की हिस्सेदारी अहम है।
वायरल वीडियो क्लिप को लेकर हमने दैनिक जागरण, पटना के समाचार संपादक अश्विनी सिंह से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग के साथ मार्च करते हुए नीतीश कुमार का वायरल वीडियो अभी का नहीं, बल्कि 2014 का है।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार लगातार बिहार के विकास के लिए उसे विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग उठाते रहे हैं। 2023 में उन्होंने अपनी इस मांग को दुहराया था।
वायरल वीडियो को भ्रामक संदर्भ में शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब तीन हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। अन्य वायरल दावों व हालिया संपन्न चुनावों से संबंधित वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग के साथ मार्च निकालते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का वायरल वीडियो क्लिप 2014 का है, जब तत्कालीन यूपीए सरकार की तरफ से सीमांध्र को विशेष दर्जा दिए जाने का विरोध करते हुए नीतीश कुमार ने पटना में मार्च निकाला था।
- Claim Review : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर नीतीश कुमार ने पैदल मार्च निकाला।
- Claimed By : FB User-सीरगोवर्धनपुर डाफी
- Fact Check : भ्रामक
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