Fact Check: जालंधर में पाकिस्‍तानी झंडों के लगाए जाने का दावा बेबुनियाद, फेक है वायरल पोस्‍ट

Fact Check: जालंधर में पाकिस्‍तानी झंडों के लगाए जाने का दावा बेबुनियाद, फेक है  वायरल पोस्‍ट

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर पंजाब के जालंधर से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कुछ घरों की छत पर कुछ झंडों को लगा देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पंजाब के जालंधर की विजय कॉलोनी में पाकिस्तानी झंडों को घरों की छत पर लगाया गया।

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो में दिख रहे झंडे पाकिस्तानी नहीं हैं। ये झंडे
इस्लाम धर्म से जुड़े हुए हैं, जिनको पाकिस्तानी झंडे के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक पर “Karishma M” नाम की यूज़र ने एक वीडियो अपलोड किया जिसमें कुछ घरों की छत पर झंडों को देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पंजाब के जालंधर की विजय कॉलोनी में पाकिस्तानी झंडों को घरों की छत पर लगाया गया। पोस्ट में डिस्क्रिप्शन लिखा गया: “This is Jalandhar, Punjab … pro khalistani people hoisting pakistani flags….Converted it into mini Pakistan… This must be brought to centre’s notice”

पड़ताल

वीडियो की पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले गूगल सर्च में “pakistani flags in jalandhar+Jagran” कीवर्ड डालकर सर्च किया।

हमें 5 नवंबर 2019 को प्रकाशित की गई दैनिक जागरण की एक खबर मिली जिसकी हेडलाइन थी: “गढ़ा में मजहबी झंडों को पाकिस्तानी झंडा समझ लोगों का विरोध, पुलिस ने उतरवाए Jalandhar News”

इस खबर के अनुसार: “गढ़ा में सोमवार को मुस्लिम समुदाय के मजहबी झंडों को पाकिस्तानी झंडे समझ लोगों में रोष पैदा हो गया। उन्होंने तुरंत थाना सात की पुलिस को मामले की सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर झंडे उतरवा लिए हैं। पुलिस कार्रवाई का मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कड़ा विरोध किया है। फिलहाल मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। थाना प्रभारी नवीन पाल ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।”

अब हमने इस मौके पर मौजूद पंजाबी जागरण के जालंधर क्राइम रिपोर्टर राकेश गांधी से बात की। जिन्होंने हमें बताया कि जैसा वायरल दावा किया जा रहा है वैसा कुछ नहीं है। यह झंडे पाकिस्तानी नहीं थे, बल्कि इस्लाम धर्म से जुड़े हुए थे। एक त्योहार के मद्देनजर यह झंडे लगाए गए थे, जिन्हें लोगों ने पाकिस्तानी झंडा समझ लिया। अंत में जब पुलिस की कार्रवाई में सच सामने आया तो साफ़ हुआ कि यह झंडे पाकिस्तानी नहीं थे।

अब हमने जालंधर डिवीज़न 7 में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर नवीन पाल सिंह से इस मामले के बारे में बात की। उन्होंने हमें बताया कि वायरल हो रहा दावा फर्ज़ी है। यह झंडे इस्लाम धर्म से जुड़े हुए थे जिनको एक त्योहार के कारण छत पर लगाया गया था। मौके पर मौजूद DCP बलकार सिंह और टीम ने जब इन झंडों की जांच की तो पाया कि झंडे पाकिस्तानी नहीं हैं। पाकिस्तान के झंडे और इस्लाम धर्म से जुड़े झंडों में चांद और सितारा होते हैं, इसलिए गलतफहमी के चलते लोगों ने इन झंडों को पाकिस्तान का झंडा समझ लिया था।

इस्लामी झंडे और पाकिस्तानी झंडे में काफी फर्क है। कई इस्लामी झंडे में हरे पृष्ठ पर चाँद और तारा बना होता है, जबकि पाकिस्तानी झंडे में चाँद और तारे के साथ लेफ्ट साइड में एक सफ़ेद पट्टी भी होती है। पाकिस्तान के झंडे और इस्लाम धर्म से जुड़े झंडों को आप नीचे देख सकते हैं।

Islamic Flags
Pakistan’s Flag

अब हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाली यूजर “Karishma M” के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्कैनिंग करने का फैसला किया। हमने पाया कि यूजर को “2,141” लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा दावा फर्जी है। वीडियो पंजाब के जालंधर का ही है पर जो झंडे वीडियो में दिख रहे हैं वो इस्लाम धर्म से जुड़े हुए है। ये झंडे पाकिस्तान के झंडे नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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