Fact Check: वंदे भारत ट्रेन की विंडो का टूटा ग्लास बदलने की प्रक्रिया के तहत तोड़ा गया था इसे, वायरल दावा गलत  

वेस्टर्न रेलवे जोन में वंदे भारत का टूटा हुआ विंडो का ग्लास बदलने के दौरान संविदा कर्मी ने उसे हथौड़े से तोड़ा था। इस वीडियो को कुछ यूजर्स सांप्रदायिक व गलत रंग देकर शेयर कर रहे हैं।

Fact Check: वंदे भारत ट्रेन की विंडो का टूटा ग्लास बदलने की प्रक्रिया के तहत तोड़ा गया था इसे, वायरल दावा गलत  

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हाल के कुछ दिनों में हुए ट्रेन हादसों और इसको लेकर सामने आए साजिश के कुछ वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर वंदे भारत ट्रेन का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक युवक को हथौड़े से ट्रेन की खिड़की का शीशा तोड़ते हुए देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को भारतीय रेलवे के खिलाफ साजिश से जोड़कर शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वंदे भारत ट्रेन की खिड़की का टूटा शीशा बदलने के दौरान इस तरह से ग्लास को तोड़ा जाता है। वायरल वीडियो भी उसी प्रक्रिया के दौरान का है। इसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।  

क्या है वायरल पोस्ट

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर्स ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया।

इंस्टाग्राम यूजर rameshwar4134 ने इस वीडियो को पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए इसे रेलवे को नुकसान पहुंचाने से जोड़ा।

एक्स यूजर @coolfunnytshirt ने भी इस वीडियो को रेलवे के नुकसान पहुंचाने के संदर्भ से शेयर (आर्काइव लिंक) किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने एक्स यूजर @coolfunnytshirt की पोस्ट को स्कैन किया। इसमें यूजर Manthira Moorthy M ने जवाब देते हुए इसे कांच बदलने की प्रक्रिया बताया है। एक्स यूजर Manthira Moorthy M ने एक अन्य यूजर की इसी तरह की पोस्ट पर लिखा है कि यह टूटे हुए विंडो ग्लास को बदलने का एक तरीका है। युवक टूटे हुए शीशे को हटाने के लिए तोड़ रहा है।

एक्स यूजर Trains of India ने भी इस वीडियो को ट्रेन का शीशा बदलने की प्रक्रिया बताया।

गूगल पर हमें वंदे भारत एक्सप्रेस की विंडो के टूटे ग्लास को बदलने की प्रक्रिया के वीडियो भी मिले। इनमें वंदे भारत ट्रेन की विंडो के ग्लास के बदलने के लिए इसे तोड़ते हुए देखा जा सकता है। इन्हें यहां और यहां देखा जा सकता है।

इस बारे में हमने वेस्टर्न रेलवे अहमदाबाद के सीनियर पीआरओ प्रदीप शर्मा से संपर्क कर उनको वायरल वीडियो भेजा। उनका कहना है, “सोशल मीडिया पर वंदे भारत का एक वीडियो उपलब्ध है, जिसमें एक आदमी द्वारा वंदे भारत का विंडो ग्लास हथौड़े की सहायता से तोड़ा जा रहा है। वह वीडियो एकीकृत कोचिंग डिपो कांकरिया में अहमदाबाद-मुम्बई वंदे भारत की देखरेख के दौरान बनाया गया पुराना वीडियो है। वंदे भारत के विंडो ग्लास को यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टफंड ग्लास का बनाया जाता है, ताकि कोई बाहरी वस्तु टकराने पर यात्रियों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो। देखरेख के समय विंडो ग्लास में क्रैक होने पर उसे नुकीले हथौड़े की सहायता से तोड़कर निकाला जाता है। यह कार्य संविदा श्रमिक द्वारा किया जा रहा था, उसी दौरान अन्य संविदा श्रमिक ने यह वीडियो बना लिया। रेलवे परिसर में वीडियोग्राफी करना प्रतिबंधित है। संविदा श्रमिक द्वारा अनुरक्षण की वीडियोग्राफी करने और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। साथ ही संविदा के नियमों की अनुपालन नहीं करने के लिए ठेकेदार के खिलाफ भी संविदा के शर्तों के अनुसार, सख्त कार्रवाई की जा रही है।

वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर के 49 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: वेस्टर्न रेलवे जोन में वंदे भारत का टूटा हुआ विंडो का ग्लास बदलने के दौरान संविदा कर्मी ने उसे हथौड़े से तोड़ा था। इस वीडियो को कुछ यूजर्स सांप्रदायिक व गलत रंग देकर शेयर कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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