Fact Check : सावरकर पर बनी डॉक्युमेंट्री के वीडियो को अंडमान जेल का बताकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने विनायक दामोदर सावरकर के जेल में सजा काटने के दावे के साथ शेयर किए जा रहे वीडियो की जांच की और पाया कि यह वीडियो वास्तव में एक डॉक्युमेंट्री का हिस्सा है। जिसे लोग सच समझ कर शेयर कर रहे हैं।

Fact Check : सावरकर पर बनी डॉक्युमेंट्री के वीडियो को अंडमान जेल का बताकर किया जा रहा शेयर

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वीडियो में नजर आ रहे शख्स विनायक दामोदर सावरकर है। यह वीडियो उनके अंडमान की जेल में बिताए गए समय का है। जिसे ब्रिटिश के एक पत्रकार ने कैमरे में कैद किया था और बीबीसी ने इसे अपने चैनल पर प्रसारित किया था। 

विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की और पाया कि यह वीडियो वास्तव में भारत सरकार द्वारा बनाई गई एक डॉक्युमेंट्री का हिस्सा है। जिसे लोग सच समझकर शेयर कर रहे हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर जड़ी बूटी स्वदेशी चिकित्सा ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “एक ब्रिटिश पत्रकार ने अंडमान की जेल में जाकर वीर #सावरकर का वीडियो फुटेज लिया था वह दुर्लभ फुटेज बीबीसी ने भी अपने चैनल पर दिखाया था आप एक बार यह दुर्लभ फोटो देखिए जिसमें एक छोटी सी कोठी में वीर सावरकर कैद हैं।”

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूज़र्स इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। गौर करने पर हमने पाया कि वायरल वीडियो पर नीचे की तरफ फिल्म्स डिवीजन का लोगो लगा हुआ है। फिल्म्स डिवीजन केंद्रीय सूचना मंत्रालय के अंतर्गत आता है और सामाजिक मुद्दों पर फिल्म, डॉक्युमेंट्री और शॉर्ट वीडियोज बनाता है।

फिल्म्स डिवीजन की वेबसाइट को खंगालने के बाद हमने पाया, भारत सरकार ने 1983 में प्रेम वैद्य के साथ मिलकर सावरकर के जीवन पर आधिरत तीन फिल्में बनाई था।

वीडियो के बारे में अधिक जानने के लिए विश्वास न्यूज ने यूट्यूब पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें पूरा वीडियो सूचना मंत्रालय के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 14 अगस्त 2014 को शेयर किया गया था। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो विनायक दामोदर सावरकर पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री है। इस  डॉक्युमेंट्री में उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में दिखाया गया है। वायरल वीडियो वाले हिस्से को 25 मिनट 8 सेकेंड्स से लेकर 29 मिनट 42 सेकेंड्स तक देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने वीर सावरकर पर किताब लिखने वाले एक लेखक अक्षय जोग से इस वीडियो के बारे बातचीत की। उन्होंने हमें बताया “भारत सरकार ने सावरकर पर एक डॉक्युमेंट्री बनाई थी। ये वीडियो उसी का एक छोटा-सा हिस्सा है।”कौन थे विनायक दामोदर सावरकर?
विनायक दामोदर सावरकर एक महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रतिबद्ध समाज सुधारक, लेखक, सशक्त वक्ता और एक देशभक्त थे।

विश्वास न्यूज ने अब वायरल वीडियो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर जड़ी बूटी स्वदेशी चिकित्सा का सोशल बैकग्राउंड चेक किया। हमें पता चला कि यूजर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। फेसबुक यूजर जड़ी बूटी स्वदेशी चिकित्सा को छह सौ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर जून 2019 से फेसबुक पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने विनायक दामोदर सावरकर के जेल में सजा काटने के दावे के साथ शेयर किए जा रहे वीडियो की जांच की और पाया कि यह वीडियो वास्तव में एक डॉक्युमेंट्री का हिस्सा है। जिसे लोग सच समझ कर शेयर कर रहे हैं।

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