विश्वास न्यूज की पड़ताल में भारत के जीएसपी स्टेटस को लेकर किया जा रहा दावा झूठा निकला है। हालांकि बाइडेन प्रशासन ने यह जरूर माना है कि भारत के जीएसपी स्टेटस को बहाल करना उनकी उच्च प्राथमिकता में शामिल है, लेकिन इस फैक्ट चेक को किए जाने तक अमेरिका ने इसे लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि अमेरिका ने भारत का जीएसपी (जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंसेज/सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली) स्टेटस बहाल कर दिया है। आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति रहते हुए ट्रंप ने जून 2019 में भारत का जीएसपी स्टेटस समाप्त कर दिया था। सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि अमेरिका ने भारत को GSP सूची में डाल दिया है, अब अमेरिका में भारतीय प्रॉडक्ट्स बेचने पर टैक्स नहीं लगेगा।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला है। हालांकि बाइडेन प्रशासन ने यह जरूर माना है कि भारत के जीएसपी स्टेटस को बहाल करना उनकी उच्च प्राथमिकता में शामिल है, लेकिन इस फैक्ट चेक को किए जाने तक अमेरिका ने इसे लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी यह दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। कीवर्ड्स से सर्च करने पर यह दावा फेसबुक पर भी वायरल मिला है। हिन्दु हिन्दुत्व नाम की फेसबुक प्रोफाइल से 6 मार्च को की गई एक पोस्ट में लिखा गया है, ‘बाइडेन भी मोदी भक्त निकला। अमेरिका ने भारत को GSP सूची में डाल दिया। अब अमेरिका में भारतीय प्रॉडक्ट्स बेचने पर टैक्स नहीं लगेगा।’
इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले भारत और अमेरिका को लेकर किए जा रहे इस वायरल दावे को इंटरनेट पर खोजा। हमने जरूरी कीवर्ड्स की मदद से इंटरनेट पर सर्च किया। हमें 26 फरवरी 2021 को नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में न्यूज एजेंसी भाषा के हवाले से बताया गया है कि भारत के साथ जीएसपी के मसले पर बाइडेन प्रशासन ने अपना रुख साफ किया है। इस रिपोर्ट में लिखा है, ‘अमेरिका के बाइडेन प्रशासन (Joe Biden Administration) ने इस बात के संकेत दिए हैं कि भारत के साथ जीएसपी (Generalised System of Preference) के मामले को सुलझाना उनके एजेंडों में सबसे ऊपर है।’
इसी रिपोर्ट में जीएसपी के बारे में भी बताया गया है। रिपोर्ट में लिखा गया है, ‘जीएसपी अमेरिका का सबसे पुराना व्यापार तरजीही कार्यक्रम है। इसके तहत चुने हुए देशों के उत्पादों को अमेरिका के बाजारों में शुल्क मुक्त प्रवेश दिया जाता है। अमेरिका के इस कार्यक्रम के लाभार्थियों में भारत भी शामिल था, जिसे पिछले ट्रंप प्रशासन ने समाप्त कर दिया था।’ इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
हमें 26 फरवरी 2021 को ही फाइनेंशियल एक्सप्रेस की वेबसाइट पर युनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (USTR) के हवाले से तैयार की गई एक रिपोर्ट मिली। न्यूज एजेंसी पीटीआई की क्रेडिट वाली इस रिपोर्ट में भी USTR नॉमिनी कैथरीन के हवाले से बताया गया है कि भारत के जीएसपी स्टेट्स को बहाल करने का सवाल बाइडेन प्रशासन के टॉप एजेंडे में है। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इंटरनेट पर सर्च के दौरान हमें पीटीआई की वेबसाइट पर एक जून 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रंप ने भारत के जीएसपी स्टेट्स को टर्मिनेट कर दिया है। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
हमें इंटरनेट पर सर्च के दौरान ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जो वायरल पोस्ट के इस दावे की पुष्टि करती हो कि अमेरिका ने भारत को जीएसपी लिस्ट में शामिल कर लिया है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए ऑफिस ऑफ द यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव की आधिकारिक वेबसाइट ustr.gov को खंगाला। हमने वेबसाइट के सर्च ऑप्शन में जरूरी कीवर्ड्स (India GSP…) की मदद से सर्च किया। हमें 4 मार्च 2019 का लेटेस्ट अपडेट ही मिला, जिसमें बताया गया है कि अमेरिका, भारत और तुर्की का GSP डेजिगनेशन टर्मिनेट करेगा। इसे यहां नीचे देखा जा सकता है।
हमें USTR की साइट पर ही जीएसपी योग्य लाभार्थी देशों की सूची भी मिली। यह सूची नवंबर 2020 तक के स्टेट्स को दिखाती है। इस सूची में हमें भारत का नाम नहीं मिला। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
सर्च के दौरान हमें फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट की वेबसाइट https://fas.org/ पर जीएसपी को लेकर एक रिपोर्ट मिली। 7 जनवरी 2021 तक अपडेटेड इस रिपोर्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत के जीएसपी स्टेट्स को हटाने का जिक्र तो है, लेकिन इसे रीस्टोर करने की कोई जानकारी नहीं है। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे के संबंध में इंटरनेशनल स्टडीज के एक्सपर्ट और Amity यूनिवर्सिटी में डिफेंस एंड स्ट्रैटिजिक स्टडी के असिस्टेंट प्रोफेसर आशीष शुक्ला से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत के जीएसपी स्टेटस को टर्मिनेट करने के बाद से ही इसकी बहाली को लेकर कूटनीतिक कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने बताया कि बाइडेन प्रशासन भारत के जीएसपी मसले को लेकर गंभीर तो है, लेकिन इसे लेकर अबतक अमेरिका ने कोई फैसला नहीं लिया है।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को फेसबुक पर पोस्ट करने वाली हिन्दु हिन्दुत्व नाम की प्रोफाइल को स्कैन किया। इस प्रोफाइल का लोकेशन दिल्ली का है और फैक्ट चेक किए जाने तक इसके 119 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में भारत के जीएसपी स्टेटस को लेकर किया जा रहा दावा झूठा निकला है। हालांकि बाइडेन प्रशासन ने यह जरूर माना है कि भारत के जीएसपी स्टेटस को बहाल करना उनकी उच्च प्राथमिकता में शामिल है, लेकिन इस फैक्ट चेक को किए जाने तक अमेरिका ने इसे लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
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