Fact Check: टोंक गैंगरेप पीड़िता की तस्वीर को लेकर वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है

राजस्थान के टोंक जिले में हुए गैंगरेप की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर भ्रामक है। टोंक गैंगरेप की पीड़िता जिंदा है और इस मामले में शामिल चारों आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर राजस्थान के टोंक में हुए गैंगरेप मामले को लेकर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे देखकर यह प्रतीत हो रहा है कि बलात्कार के बाद पीड़िता की हत्या की जा चुकी है। वायरल पोस्ट में जिस तस्वीर को शेयर किया गया है, उससे यह लग रहा है कि यह टोंक में हुई गैंगरेप की पीड़िता लड़की की तस्वीर है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला। जिस मृतक लड़की की तस्वीर को टोंक की वारदात का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह हरियाणा में हुई एक अन्य वारदात से संबंधित है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Rinku Raja Parmar’ ने वायरल पोस्ट को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”राजस्थान,टोंक: 5 तारीख की घटना है. 15 साल की #हिन्दू बच्ची का बलात्कार किया #JIHADI ISLAMIC बलातकारी #नासिर खान, #सलमान ज़ाकिर और एक नाबालिक जिसका नाम लेने से उसको खतरा होगा बालिका हो के फिर किसी हिन्दू लकड़ी का बलात्कार करेगा राजस्थान सरकार का पुरा सपोर्ट है बलातकारी, गौ तस्करो को.. सिर्फ vote के लिए..राजस्थान सरकार कैसे परेशान कर रही है आप खुद सुनिए.. और जिहादी को सपोर्ट।”

सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

”टोंक गैंग रेप” की-वर्ड के साथ न्यूज सर्च करने पर हमें हिंदी न्यूज 18 की वेबसाइट पर 8 मई 2020 को प्रकाशित खबर मिली, जिसमें इस घटना का विवरण है। खबर के मुताबिक, ‘राजस्थान (Rajasthan) के टोंक जिले के पचेवर थाना इलाके में दो दिन पहले नाबालिग लड़की (Minor girl) से गैंगरेप (Gangrape) मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल है. आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा. वारदात को अंजाम देने के बाद चारों आरोपी फरार होने की योजना बना रहे थे. वो इलाका छोड़कर फरार हो पाते उससे पहले ही पुलिस ने उनको दबोच लिया.’
रिपोर्ट में पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू के बयान के साथ आरोपियों की तस्वीर भी है। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, ‘गैंगरेप की ये वारदात पांच मई की रात को हुई थी. कार सवार दो युवकों ने एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर लिया था. उसके बाद वो उसे जंगल में ले गए. जहां उनके दो और साथी भी आ गए. सिद्धू ने बताया कि पीड़िता के अनुसार चारों आरोपियों ने रात भर उसके साथ बारी-बारी से रेप किया. विरोध करने पर आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की. वारदात के बाद अगली सुबह छह मई को आरोपी उसे गांव के बाहर छोड़ कर फरार हो गये. गिरफ्तार चारों आरोपी डिग्गी थाना इलाके के रहने वाले हैं. गिरफ्तार आरोपियों के नाम- निसार खान उर्फ नसरिया, सलमान ऊर्फ खोबड़ा और जाकिर ऊर्फ राजरड़ा है. चौथा आरोपी नाबालिग होने के कारण उसे निरुद्ध किया गया है.’

इसी खबर में बलात्कार के आरोपियों की तस्वीर भी है, जिसे वायरल पोस्ट में शेयर किया गया है। यानी बलात्कार के जिन आरोपियों की तस्वीर को वायरल पोस्ट में शेयर किया गया है, वह सही है।

न्यूज 18 में 8 मई 2020 को प्रकाशित खबर

इसके बाद हमने बलात्कार पीड़िता की वायरल तस्वीर की सत्यता का जांचने का काम किया। न्यूज सर्च में हमें यह तस्वीर 16 अप्रैल 2020 को हिंदी एशियानेट डॉट कॉम पर प्रकाशित खबर में मिली। खबर के मुताबिक, ‘यह तस्वीर हरियाणा के हिसार जिले में हुई घटना की है, जहां एक सिपाही ने अपनी पत्नी को दर्दनाक तरीके से मौत के घाट उतार दिया। फिर खून से लथपथ शव के पास बैठकर रोता रहा।’

यानी जिस तस्वीर को टोंक गैंगरेप में पीड़िता की तस्वीर बताकर वायरल किया जा रहा है, वह इस घटना से संबंधित नहीं है। मालपुरा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोवर्द्धन लाल ने विश्वास न्यूज को बताया, ‘टोंक में हुई गैंगरेप की पीड़िता जिंदा है। वायरल हो रही तस्वीर इस घटना से संबंधित नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। तीन आरोपी पुलिस हिरासत में हैं, जबकि एक को जुवेनाइल सेंटर भेजा गया है।’

लाल ने बताया, ‘इस घटना को लेकर जो लोग सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। दो थानों में ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा भी हुआ है।’ 

वायरल पोस्ट शेयर करने वाली यूजर को फेसबुक पर करीब 35 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: राजस्थान के टोंक जिले में हुए गैंगरेप की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर भ्रामक है। टोंक गैंगरेप की पीड़िता जिंदा है और इस मामले में शामिल चारों आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट