यूनेस्को राष्ट्रगान की रैंकिंग नहीं करता है। सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देश के राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि यूनेस्को ने ‘जन गण मन’ को दुनिया का सबसे अच्छा राष्ट्रगान घोषित किया है। यूजर्स इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की अपील कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में वायरल दावे को गलत पाया। दरअसल, यूनेस्को राष्ट्रगान की रैंकिंग नहीं करता है। संगठन की तरफ से इस पोस्ट को फर्जी बताया जा चुका है।
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर्स ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया।
फेसबुक यूजर Neeta Nariani (आर्काइव लिंक) ने भी 17 अगस्त को पोस्ट किया है,
“हम सभी को बधाई. हमारे राष्ट्रगान “जन गण मन…” को यूनेस्को द्वारा “विश्व का सर्वश्रेष्ठ गान” घोषित किया गया है।
कृपया इसे साझा करें।
भारतीय होने पर बहुत गर्व है.
हमारे राष्ट्रगान का अर्थ…
जन = लोग
गन = समूह
मन = मन
अधिनायक = नेता
जय हे = विजय
भारत = इंडिया
भाग्य = नियति
विधाता = निपटानकर्ता
पंजाब = पंजाब
सिन्धु = सिन्धु
गुजरात=गुजरात
मराठा = मराठी महाराष्ट्र
द्रविड़ = दक्षिण
उत्कल = उड़ीसा
बंगा=बंगाल
विंध्य=विंध्य
हिमाचल=हिमालय
यमुना=यमुना
गंगा = गंगा
उच्छला = गतिशील
जलधि = महासागर
तरंगा = लहरें
तवा = आपका
शुभ =शुभ
नाम = नाम
जगे = जागो
तवा = आपका
शुभ = शुभ
आशीषा = आशीर्वाद
मागे = पूछो
गाहे = गाओ
तवा = आपका
जया = विजय
गाथा = गीत
जन = लोग
जीत = समूह
मंगला = भाग्य
दाता = दाता
जय हे = विजय हो
भारत = इंडिया
भाग्य = नियति
विधाता=वितरक
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे = विजय, विजय, विजय सी6, विजय सर्वदा”
वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से सर्च किया। 2012 में भी यह दावा फेसबुक पर शेयर किया जा चुका है। फेसबुक यूजर Arun Dhiman ने 12 जून 2012 को इस तरह की पोस्ट को शेयर किया है। मतलब यह पोस्ट करीब 12 साल से वायरल हो रही है।
गूगल पर सर्च करने पर हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके। अगर राष्ट्रगान से संबधित पोस्ट सच होती तो किसी न किसी मीडिया में खबर जरूर होती।
हमने UNESCO की वेबसाइट और एक्स हैंडल पर भी ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
इससे पहले जब यह दावा वायरल हुआ था, तब विश्वास न्यूज ने यूनेस्को के दिल्ली स्थित कार्यालय से संपर्क किया था। वहां से बताया गया कि यूनेस्को राष्ट्रगान की रैंकिंग नहीं करता है। सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है।
भारत सरकार की वेबसाइट Know India पर दी गई जानकारी के अनुसार, इसकी रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने मूल रूप से बांग्ला में की थी। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा ने इसके हिंदी संस्करण को भारत के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया था। राष्ट्रगान के पूर्ण संस्करण की अवधि लगभग 52 सेकंड है।
गलत दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर एक विचारधारा से प्रभावित हैं।
निष्कर्ष: यूनेस्को राष्ट्रगान की रैंकिंग नहीं करता है। सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।