Fact Check : भाई की आईडी पर बॉयफ्रेंड को महाकाल मंदिर ले जाने की घटना दो साल पुरानी है, हाल की नहीं

उज्जैन के महाकाल मंदिर में किसी अन्य युवक के आधारकार्ड को दिखाकर प्रवेश करने का मामला करीब दो साल पुराना है। मामला सामने आने के बाद युवक और युवती को पुलिस ने पकड़ लिया था। इस घटना का हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।

Fact Check : भाई की आईडी पर बॉयफ्रेंड को महाकाल मंदिर ले जाने की घटना दो साल पुरानी है, हाल की नहीं

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उज्जैन में महाकाल मंदिर से जोड़कर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें युवक और युवती की तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि युवती ने मुस्लिम युवक को अपने भाई की आईडी पर मंदिर में प्रवेश कराया। हाल ही में इस पोस्ट को जिस तरह से यूजर्स ने शेयर किया है, उससे यह हाल की घटना प्रतीत हो रही है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि महाकाल के मंदिर में मुस्लिम युवक को भाई की आईडी पर प्रवेश कराने की यह घटना करीब दो साल पुरानी है। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने युवक और युवती को गिरफ्तार कर लिया था। इस घटना का हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट

एक्स यूजर ‘सारिका त्यागी‘ (आर्काइव लिंक) ने 26 दिसंबर को तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा,

“यूपी के राधेश्याम दुबे मुंबई में सेटल है। उनकी कुपुत्री है खुशबू दुबे।
खुशबू दुबे का एक ब्यायफ्रेंड है मोहम्मद यूनुस, खुशबू दुबे ने अपने घर बोला कि वो उज्जैन बाबा महाकाल के दर्शन और भस्मारती करने जा रही है।
घर वाले खुश हो गए कि कुपुत्री बेहद धार्मिक है।
कुपुत्री खुशबू दुबे ने अपने भाई का आधार कार्ड चुराया और अपने ब्यायफ्रेंड को लेकर उज्जैन आई।
खुशबू दुबे ने अपने ब्यायफ्रेंड मोहम्मद यूनुस को अपने भाई के पहचान पत्र यानी आधार कार्ड पर होटल में साथ कमरा लिया।
बाद में भस्मारती करने के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए खुशबू दुबे और उनके ब्यायफ्रेंड मोहम्मद यूनुस गए और खुशबू दुबे के भाई के आधार कार्ड पर रजिस्ट्रेशन के लिए दिया।
और मोहम्मद यूनुस दीपक दुबे नाम से भस्मारती में शामिल भी हुआ।
लेकिन आरती के समय नियम ना मानकर अलग व्यवहार की वजह से पकड़ा गया, मंदिर प्रशासन को उसकी हरकत देखकर शक हुआ।
पुजारी जी जो मन्त्र बोलने को कह रहे थे ये मन्त्र नही बोल रहा था।
तब उसका आधार कार्ड चेक किया और मास्क हटाने के बाद फोटो मैच नहीं हुआ, इसलिए पकड़ा गया।
फिर जब कड़ाई से पूछताछ हुई तब पूरा राज खुल गया।
इन कुछ हिंदू लड़कियों को, कोई नही समझा सकता….।। “विनाश काले विपरीत बुद्धि”…..”

फेसबुक यूजर ‘हिन्दू कपिल नागर‘ (आर्काइव लिंक) ने भी तस्वीर को शेयर करते हुए इसी तरह का दावा किया है।

पड़ताल

वायरल दावे के साथ पोस्ट की गई तस्वीर में दैनिक भास्कर का लोगो लगा हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। दो वर्ष पहले दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर इससे संबंधित खबर मिली। इसमें वायरल तस्वीर को देखा जा सकता है। खबर में लिखा है कि युवक को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्म आरती में पकड़ा गया था। युवक का नाम मोहम्मद यूनुस निवासी कर्नाटक था। वह अपनी महिला मित्र खुशबू दुबे निवासी मुंबई के साथ उज्जैन आया था। युवक ने अभिषेक दुबे के नाम के आधारकार्ड पर मंदिर में एंट्री की थी। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया था।

15 दिसंबर 2021 को नईदुनिया की वेबसाइट पर भी इस बारे में खबर छपी है। इसमें लिखा है, “मंदिर प्रबंध समिति की शिकायत पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इस मामले में महाकाल मंदिर प्रबंध समिति उज्जैन के सहायक प्रशासक व दर्शन व्यवस्था प्रभारी पूर्णिमा सिंगी ने कहा कि भस्मारती दर्शन में किसी भी धर्म से जुड़ा श्रद्धालु आ सकता है, लेकिन इस तरह पहचान छुपाकर फर्जी आधार कार्ड से प्रवेश करना धोखाधड़ी है।”

लाइव हिन्दुस्तान और जी न्यूज की वेबसाइट पर भी इससे संबंधित खबर को देखा जा सकता है।

इस बारे में उज्जैन में नईदुनिया के क्राइम रिपोर्टर अमित कसेरा का कहना है, “मामला सामने आने के बाद दोनों को धोखाधड़ी का केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में उनको जमानत मिल गई थी।

अंत में हमने भ्रामक दावा करने वाली एक्स यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर के करीब 14 हजार फॉलोअर्स हैं और वह एक खास विचारधारा से प्रभावित हैं।

निष्कर्ष: उज्जैन के महाकाल मंदिर में किसी अन्य युवक के आधारकार्ड को दिखाकर प्रवेश करने का मामला करीब दो साल पुराना है। मामला सामने आने के बाद युवक और युवती को पुलिस ने पकड़ लिया था। इस घटना का हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।

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