Fact Check: तिरंगा झरने के दो साल पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज की पड़ताल में तिरंगे झरने को लेकर वायरल हो रहा दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि तकरीबन दो साल पुराना है। ये झरना जोधपुर के कदम खंडी क्षेत्र का है। जहां पर दो युवकों ने मिलकर झरने में रंग मिलाकर इसे तिरंगे जैसा रूप दे दिया था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर तिरंगा झरने के एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी की हर घर तिरंगा अभियान के तहत झरने को भी तिरंगे के रंग में रंग दिया गया। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि तकरीबन दो साल पुराना है। ये झरना जोधपुर के कदम खंडी क्षेत्र का है। जहां पर दो युवकों ने मिलकर झरने में रंग मिलाकर इसे तिरंगे जैसा रूप दे दिया था।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Jitendra Kumar (Pandit) ने वीडियो को पीएम मोदी के हर घर तिरंगा अभियान से जोड़ते हुए लिखा है, “घर घर तिरंगा भी जंगल ओर झरना भी तिरंगा का रूप ले रहा है…मेरा भारत बदल रहा है।”

एक अन्य फेसबुक यूजर Ritam Digital ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “स्वतंत्रता दिवस से पहले तिरंगा के रंगों वाला झरना बना आकर्षण का केंद्र।” #HarGharTiranga #azadikaamritmahotsav2022 #Waterfall

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें दावे से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट दैनिक भास्कर की आधिकारिक वेबसाइट पर 16 अगस्त 2020 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो राजस्थान के जोधपुर का है। अन्य न्यूज रिपोर्ट्स को यहां पर पढ़े।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट एबीपी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिली। वीडियो को 16 अगस्त 2020 को अपलोड किया गया था। यहां पर भी वीडियो को लेकर यही जानकारी दी गई थी कि वायरल वीडियो राजस्थान के जोधपुर का है।


अधिक जानकारी के लिए हमने जोधपुर के स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार डॉ रंजन दवे से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो तकरीबन दो साल पुराना है। ये कदम खंडी के रमणीय स्थान का है। यह जोधपुर से तकरीबन 20 से 25 किलोमीटर दूर दईजर मार्ग पर है। तकरीबन दो साल पहले दो युवकों ने मिलकर झरने में रंग मिलाकर इसे तिरंगे जैसा रूप दे दिया था।

वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर Jitendra Kumar (Pandit) को फेसबुक पर छह लोग फॉलो करते हैं। यूजर के फेसबुक पर 5 हजार मित्र हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में तिरंगे झरने को लेकर वायरल हो रहा दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि तकरीबन दो साल पुराना है। ये झरना जोधपुर के कदम खंडी क्षेत्र का है। जहां पर दो युवकों ने मिलकर झरने में रंग मिलाकर इसे तिरंगे जैसा रूप दे दिया था।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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