Fact Check: मूर्तियों को तोड़ने की यह घटना केरल की नहीं, बहरीन की है

करीब दो साल पुराने बहरीन के वीडियो को केरल का बताकर वायरल किया जा रहा है। बहरीन की पुलिस ने इस मामले में आरोपी महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की थी।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर 1.15 मिनट का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें सुपर मार्केट में बुर्का पहने हुए एक महिला गणेश जी की मूर्तियों को तोड़ रही है। वीडियो को शेयर करके यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वायरल वीडियो केरल का है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो केरल नहीं, बल्कि बहरीन का है। अगस्त 2020 में हुए इस मामले में वहां की पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की थी।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Apurva Rastogi (आर्काइव लिंक) ने 19 जुलाई को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,

केरल के इस विडियो को देखें और इसे जितना हो सके उतना फॉरवर्ड करें …. अगर आप यू आज चुप रहते हैं तो हमें नुकसान होगा … क्योंकि 6 महीने के बाद इसे आगे बढ़ाने का कोई फायदा नहीं होगा … उँगलियाँ घुमाएँ और इसे आगे बढ़ाएँ अभी

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट।

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इसे सर्च किया। इसमें हमें 17 अगस्त 2020 को आज तक में छपी खबर का लिंक मिला। इसमें वायरल वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स को भी देखा जा सकता है। खबर के मुताबिक, बहरीन में एक महिला ने सुपरमार्केट में गणेश जी की मूर्तियों को तोड़ दिया था। इस मामले में राजधानी पुलिस ने महिला के खिलाफ एक संप्रदाय और उसकी परंपरा को अपमानित करने पर कार्रवाई की है।

16 अगस्त 2020 को इंडिया टुडे में छपी खबर के अनुसार, बहरीन के सुपरमार्केट में बुर्का पहने महिला द्वारा गणपति की मूर्तियां फेंके जाने का वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में महिला को अरबी भाषा में दुकान में मौजूद कर्मचारी पर चिल्लाते हुए देखा जा सकता है।

गल्फ न्यूज में भी इस बारे में खबर छपी है। इसके मुताबिक, दुकान में हिंदू धार्मिक मूर्तियों को तोड़ने पर पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ कार्रवाई की है। बहरीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस कृत्य को ‘हेट क्राइम’ कहते हुए निंदा की है।

बहरीन की Ministry of Interior ने 16 अगस्त 2020 को ट्वीट कर इस मामले में हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी थी। इसमें उन्होंने कहा था कि पुलिस ने 54 साल की महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है। उसने जुफैर में दुकान को नुकसान पहुंचाया था और एक धर्म और उसके रीति-रिवाजों का अपमान किया था।

इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने केरल पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) के साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उनका कहना है, ‘केरल में इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। यह न्यूज फेक है।

पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाली फेसबुक यूजर ‘अपूर्वा रस्तोगी‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह दिल्ली में रहती हैं और एक खास विचारधारा से प्रेरित हैं।

निष्कर्ष: करीब दो साल पुराने बहरीन के वीडियो को केरल का बताकर वायरल किया जा रहा है। बहरीन की पुलिस ने इस मामले में आरोपी महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की थी।

False
Symbols that define nature of fake news
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