विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि कर्नाटक में हुई आयकर की छापेमारी की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर साल 2021 से इंटरनेट पर मौजूद है। साल 2021 में वायरल तस्वीर को उत्तर प्रदेश के कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर हुई छापेमारी का बताकर शेयर किया गया था।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। आयकर अधिकारियों ने कुछ दिन पहले कर्नाटक के कारोबारियों और ठेकेदारों के घर पर छापेमारी कर करीब 42 करोड़ रुपये नकद जब्त किए थे। इसी से जोड़कर नोटों से भरे एक कमरे की तस्वीर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर कर्नाटक में हुई छापेमारी की है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर साल 2021 से इंटरनेट पर मौजूद है। साल 2021 में वायरल तस्वीर को उत्तर प्रदेश के कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर हुई छापेमारी का बताकर शेयर किया गया था।
फेसबुक यूजर गणपत सुथार ने 13 अक्टूबर 2023 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “कर्नाटक में आईटी छापे में 42 करोड़ रुपये नकद मिले…कर्नाटक की पिछली बीजेपी सरकार पर 40% कमीशन का आरोप लगाने वाले ठेकेदार अंबिकापति पर छापा मारा गया। 500 मूल्य वर्ग में 42 करोड़ रुपये मिले. सूत्रों का कहना है कि यह आगामी तेलंगाना चुनाव के लिए हैदराबाद जा रहा था। अंबिकापति की पत्नी एक पार्षद थीं और एक कांग्रेस विधायक की करीबी थीं।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें वायरल तस्वीर न्यूज 18 की एक रिपोर्ट में मिली। रिपोर्ट को 27 दिसंबर 2021 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, “जीएसटी इंटेलिजेंस की तरफ से की गई कार्रवाई में उत्तर प्रदेश के व्यापारी पीयूष जैन के घर से 257 करोड़ रुपये कैश और गहने बरामद किए गए। इस अरबपति इत्र कारोबारी के खिलाफ अब केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी का भी शिकंजा कसता दिख रहा है।”
नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 25 दिसंबर 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, “पीयूष जैन के आवास और ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की। छापेमारी मुंबई, कन्नौज और कानपुर के ठिकानों पर हुई। तीनों जगह एक साथ शुरू हुई कार्रवाई के दो-तीन दिन तक चलने की बात कही जा रही है। एक टीम कन्नौज गई, जबकि दूसरी कानपुर में ही रुकी रही। कानपुर और कन्नौज के साथ मुंबई में टीमों ने एक साथ पीयूष के ठिकानों पर छापे मारे। कानपुर में टीम को अबतक 177 करोड़ रुपये मिले हैं, वहीं कन्नौज में 4 करोड़ रुपये सीज किए जा चुके हैं।”
पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट टीवी9 भारतवर्ष, इंडिया टीवी और लाइव हिंदुस्तान के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर दिसंबर 2021 को अपलोड हुई मिली। सभी रिपोर्ट्स में तस्वीर को उत्तर प्रदेश के व्यापारी पीयूष जैन के ठिकानों पर हुई छापेमारी का बताया गया है।
हमें वायरल तस्वीर से जुड़ा एक वीडियो विपिन कुमार नामक एक एक्स यूजर के अकाउंट पर मिला। यूजर ने इसी जानकारी के साथ वीडियो को 24 दिसंबर 2021 को शेयर किया था।
अधिक जानकारी के लिए हमने कर्नाटक के स्थानीय पत्रकार यासीर खान से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “कर्नाटक में कुछ दिनों पहले कई व्यापारियों और ठेकेदारों के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। हालांकि, वायरल तस्वीर उसकी नहीं है।”
अंत में हमने फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के करीब पांच हजार मित्र हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को राजस्थान का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि कर्नाटक में हुई आयकर की छापेमारी की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर साल 2021 से इंटरनेट पर मौजूद है। साल 2021 में वायरल तस्वीर को उत्तर प्रदेश के कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर हुई छापेमारी का बताकर शेयर किया गया था।
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