बांग्लादेश में हिंदू परिवार के सभी सदस्यों की हत्या की घटना को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है। हत्याकांड का आरोपी पीड़ित परिवार का संबंधी और समान समुदाय से संबंधित है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर बांग्लादेश के एक हत्याकांड के मामले को लेकर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि सिराजगंज जिले में मुस्लिमों ने एक हिंदू परिवार के तीन सदस्यों की हत्या कर दी।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। संबंधित मामला बांग्लादेश के सिराजगंज जिले में हुई घटना से संबंधित है और इस वारदात का आरोपी मृतक का संबंधी राजीव भौमिक है। घटना के पीड़ित और आरोपी दोनों एक ही हिंदू समुदाय से हैं। सोशल मीडिया पर इस मामले में मुस्लिम समुदाय के आरोपी होने का दावा गलत और सांप्रदायिक है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Vishal Singh’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक)को शेयर करते हुए लिखा है, “(45), उनकी पत्नी स्वर्णा रानी सरकार (40), पुत्री परमिता सरकार तुशी (15)। आपने कोई अंतर्राष्ट्रीय हंगामा सुना? या भारतीय मीडिया में खबर? बांग्लादेश में पिछले कई वर्षों से हर वर्ष हजारों हिंदुओं को मौत के घाट उतरा जा रहा है और वहां की स्थानीय सरकार जांच में अपराधियों को पकड़ने के बजाय हत्या को आत्महत्या बताकर केस को बंद कर देती है।
जहां हम एक तरफ देखते हैं कि अगर किसी भी देश में किसी मुसलमान के साथ अन्याय होता है तो पूरा वैश्विक स्तर का मुसलमान मजहब के नाम पर अपने लोगों के साथ खड़ा हो जाता है। लेकिन हमारे दो पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और बांग्लादेश में अब तक लाखों हिंदुओं को मारा जा चुका है, हर दिन यहां हिंदुओं पर अन्याय के साथ बहू बेटियों का बलात्कार किया जा रहा है फिर भी हम चुप हैं, क्योंकि हमने गांधी जी के तीन बंदरों वाली कहानी को कुछ ज्यादा ही दिल से लगा लिया है कि बुरा मत देखो बुरा मत कहो और बुरा मत सुनो बहरहाल निर्णय आपका है।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में किए गए दावे के आधार पर न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस घटना का जिक्र है। बांग्लादेशी वेबसाइट द डेली स्टार की 31 जनवरी 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, “पुलिस ने सिराजगंज जिले में हुए तिहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़ित परोमिता सरकार तुशी और उसके माता-पिता (विकास सरकार और स्वर्णा रानी सरकार) के शवर को उनके घर से बरामद किया था।”
रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी राजीव भौमिक, विकास का संबंधी है, जिसने पैसों से जुड़े विवाद के कारण विकास और उसके परिवार की हत्या कर दी।
वायरल पोस्ट में इस्तेमाल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर एक अन्य बांग्लादेशी न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट मिली, जिसमें इस घटना का समान संदर्भ में जिक्र है।
अन्य रिपोर्ट में भी इस घटना का जिक्र है और किसी भी रिपोर्ट में इस घटना के आरोपी का मुस्लिम समुदाय से संबंधित होने का जिक्र नहीं है। द डेली स्टार की रिपोर्ट में सिराजगंज पुलिस अधीक्षक आरिफुर रहमान मंडल का बयान शामिल है ,जिसके मुताबिक, “राजीव (आरोपी) को गिरफ्तार किया जा चुका है और उसने पूछताछ के दौरान अपना जुर्म कबूल कर लिया है।” कबूलनामे के मुताबिक, “इस हत्या के पीछे की वजह पैसों का लेन-देन है, क्योंकि वह विकास के 35 लाख रुपये का कर्ज नहीं चुका पा रहा था।”
वायरल दावे को लेकर हमने बांग्लादेश के फैक्ट चेकर तौसिफ अकबर से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि इस हत्याकांड में कोई सांप्रदायिक पहलू शामिल नहीं है। घटना का आरोपी पीड़ित परिवार का संबंधी है और समान धर्म का है।
वायरल पोस्ट को फेक और सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब छह सौ से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: बांग्लादेश में हिंदू परिवार के तीन सदस्यों की हत्या की घटना को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है। हत्याकांड का आरोपी पीड़ित परिवार का संबंधी और समान समुदाय से संबंधित है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।