Fact Check: टोल पर्चियों का हाईवे पर मिलने वाली आपातकालीन सुविधाओं से कोई संबंध नहीं, वायरल दावा भ्रामक
विश्वास न्यूज की पड़ताल में टोल की पर्ची को लेकर फेसबुक पर किया जा रहा वायरल दावा भ्रामक निकला है। यह बात सही है कि टोल मेंटेनेंस करने वाली एजेंसी, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इत्यादि की तरफ से आपातकालीन स्थिति में मदद के प्रावधान हैं, लेकिन इनका टोल पर्चियों से कोई लेना-देना नहीं है। NHAI की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वाले सारे यात्रियों के लिए इमरजेंसी सहायता दी जाती है। जहां तक टोल का सवाल है, तो इसे सड़क निर्माण की लागत और लागत निकलने के बाद रखरखाव के खर्च के लिए लिया जाता है। हाईवे पर मिलने वाली सभी सुविधाएं अतिरिक्त सेवाओं के तौर पर मिलती हैं। इनका टोल राशि, टोल पर्ची इत्यादि से कोई संबंध नहीं है।
- By: ameesh rai
- Published: Jul 20, 2021 at 07:24 PM
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर हाईवे पर दिए जाने वाले टोल और उसकी पर्चियों को लेकर लंबे समय से एक मैसेज वायरल हो रहा है। वायरल मैसेज में कुछ आपातकालीन सेवाओं जैसे मेडिकल इमरजेंसी इत्यादि का जिक्र करते हुए दावा किया जा रहा है कि टोल रसीदें सिर्फ टोल गेट पार करने के लिए नहीं, बल्कि इन सेवाओं के लिए भी होती हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल मैसेज में किया जा रहा दावा भ्रामक निकला है। यह बात सही है कि टोल मेंटनेंस करने वाली एजेंसी, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इत्यादि की तरफ से आपातकालीन स्थिति में मदद के प्रावधान हैं, लेकिन इनका टोल पर्चियों से कोई लेना-देना नहीं है। NHAI की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वाले सारे यात्रियों के लिए इमरजेंसी सहायता दी जाती है। जहां तक टोल का सवाल है तो इसे सड़क निर्माण की लागत और लागत निकलने के बाद रखरखाव के खर्च के लिए लिया जाता है। हाईवे पर मिलने वाली सभी सुविधाएं अतिरिक्त सेवाओं के तौर पर मिलती हैं। इनका टोल राशि, टोल पर्ची इत्यादि से कोई संबंध नहीं है।
क्या हो रहा है वायरल
विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। कीवर्ड्स से खोजने पर हमें यही दावा फेसबुक पर भी वायरल मिला। फेसबुक यूजर Tapan Tomar ने 19 जुलाई 2021 को एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है, ‘जब आप बाय रोड़ अपने शहर, प्रदेश से बाहर निकलते हैं तब आप टोल गेटों में प्राप्त होने वाली रसीदों का क्या करते हैं? यहाँ है जिसकी जानकारी आपको होनी चाहिए *। राष्ट्रीय राजमार्ग सड़कों पर अपनी यात्रा के दौरान आपको जो रसीदें मिलती हैं, वह केवल टोल गेटों को पार करने के लिए नहीं होती हैं। फिर और किस लिए है? 1. मेडिकल इमरजेंसी के दौरान आप रसीद के दूसरी तरफ दिए गए फोन नंबर पर कॉल कर सकते हैं। आपके कॉल करने के 10 मिनट के भीतर एम्बुलेंस आ जाएगी। 2. यदि आपके वाहन में कोई समस्या है तो आपका पहिया पंक्चर हो गया है आप वहां बताए गए दूसरे नंबर पर कॉल कर सकते हैं और आपको 10 मिनट में सहायता मिल जाएगी। 3. यदि आपके पास ईंधन खत्म हो रहा है तो आपको बहुत जल्द 5 या 10 लीटर पेट्रोल या डीजल की आपूर्ति की जाएगी। आप उन्हें आपूर्ति किए गए ईंधन के लिए भुगतान कर सकते हैं और इसे प्राप्त कर सकते हैं। ये सभी सेवाएं आपके द्वारा टोल गेटों पर भुगतान किए जाने वाले पैसे में शामिल हैं। बहुत से लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है और हम अनावश्यक रूप से ऐसी स्थितियों के दौरान दर्द से गुजरते हैं। कृपया इस संदेश को अपने सभी मित्रों और परिवार के साथ साझा करें । हाईवे नियमो का पालन करें जागरूक रहें – सुरक्षित रहें।’ फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले इंटरनेट पर ओपन सर्च के माध्यम से यह जानना चाहा कि क्या टोल की पर्चियों को लेकर ऐसा कोई नियम है भी या नहीं। जरूरी कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें The Print की साइट पर 16 अक्टूबर 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में उसी वायरल मैसेज का जिक्र है। फर्क सिर्फ इतना है कि तब यह अंग्रेजी भाषा में वायरल हो रहा था। इस रिपोर्ट में नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के एक अधिकारी के हवाले से वायरल मैसेज को गलत बताया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मेडिकल सहायता की स्थिति में भी पूरे भारत के लिए 112 नंबर और टायर पक्चर व कार मेंटेनेंस इत्यादि के लिए लोग RESCUE 24*7 रोड असिस्टेंस से संपर्क कर सकते हैं। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इसी तरह Times Now की वेबसाइट पर 10 अगस्त 2020 की रिपोर्ट में वायरल मैसेज का जिक्र है। यहां भी NHAI के हवाले से वायरल मैसेज को फर्जी बताया गया है। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इंटरनेट पर ओपन सर्च की मदद से हमने यह भी जानना चाहा कि आखिर हाईवे पर यात्रियों से टोल क्यों लिया जाता है। हमें नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के टोल इन्फॉर्मेशन सिस्टम की वेबसाइट पर इससे जुड़ी जानकारी मिली। वेबसाइट के FAQS सेक्शन में बताया गया है कि कोई नया हाईवे बनने पर उसे बनाने में लगने वाली लागत को निकालने और उसके मेंटेनेंस के लिए टोल वसूला जाता है।
हमें इसी वेबसाइट पर टोल कलेक्शन और टोल रसीद से जुड़ा एक पुराना पॉलिसी सर्कुलर (2 फरवरी 2016 का) मिला। इस सर्कुलर में बताया गया है कि रसीद के फ्रंट और बैक साइड में कैसी सूचनाएं होंगी। इसमें बताया गया है कि बैक साइड में हेल्पलाइन नंबर, एंबुलेंस कॉन्टैक्ट नंबर, क्रेन कॉन्टैक्ट नंबर और रोड पेट्रोल व्हीकल कॉन्टैक्ट नंबर की जानकारी देनी होगी। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इन बातों से यह जानकारी मिलती है कि हाईवे पर यात्रियों को कई आपात सेवाएं मिलती हैं। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए जानना चाहा कि क्या इन सेवाओं के लिए टोल पर्चियां अनिवार्य हैं। इस संबंध में हमने NHAI की राष्ट्रीय हेल्पलाइन 1033 पर संपर्क किया। हमें बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर अगर आप ट्रैवल कर रहे हैं, तो किसी भी आपात स्थिति में NHAI की इस हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकते हैं। इस आपात सुविधा का टोल पर्ची से कोई संबंध नहीं है। एक बात ध्यान देने वाली और है कि अब FASTag के माध्यम से टोल अदा किया जा रहा है। इसमें यूजर को डिजिटल रिसिप्ट मिलती है।
हमने इस जानकारी को और पुख्ता करने के लिए दिल्ली स्थित सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के चीफ साइंटिस्ट Dr. S. Velmurugan से बात की। उन्होंने बताया कि हाईवे पर लिया जाने वाला टोल आपको बेहतर सड़कें उपलब्ध कराने के लिए लिया जाता है। साथ ही इन सड़कों के मेंटेनेंस का खर्च भी टोल से मिलने वाले पैसे से निकलता है। वहीं, हाईवे पर सफर करते समय किसी भी व्यक्ति ने टोल पर्ची ली हो या नहीं इमरजेंसी नम्बर पर फोन करने पर उसे सभी आपात सेवाएं जैसे एक्सीडेंट होने पर एम्बुलेंस, गाड़ी खराब होने पर उसे खींच कर ले जाने के लिए क्रेन की सुविधा आदि मिलती हैं।
इसके बाद हमने इस वायरल पोस्ट को शेयर करने वाली महिला Tapan Tomar के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला। पता चला ये एक राजनीतिक पार्टी से जुड़ी हुई हैं।
(With inputs from Vivek Tiwari)
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में टोल की पर्ची को लेकर फेसबुक पर किया जा रहा वायरल दावा भ्रामक निकला है। यह बात सही है कि टोल मेंटेनेंस करने वाली एजेंसी, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इत्यादि की तरफ से आपातकालीन स्थिति में मदद के प्रावधान हैं, लेकिन इनका टोल पर्चियों से कोई लेना-देना नहीं है। NHAI की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वाले सारे यात्रियों के लिए इमरजेंसी सहायता दी जाती है। जहां तक टोल का सवाल है, तो इसे सड़क निर्माण की लागत और लागत निकलने के बाद रखरखाव के खर्च के लिए लिया जाता है। हाईवे पर मिलने वाली सभी सुविधाएं अतिरिक्त सेवाओं के तौर पर मिलती हैं। इनका टोल राशि, टोल पर्ची इत्यादि से कोई संबंध नहीं है।
- Claim Review : कुछ आपातकालीन सेवाओं जैसे मेडिकल इमरजेंसी इत्यादि का जिक्र करते हुए दावा किया जा रहा है कि टोल रसीदें सिर्फ टोल गेट पार करने के लिए नहीं, बल्कि इन सेवाओं के लिए भी होती हैं।
- Claimed By : फेसबुक यूजर Tapan Tomar
- Fact Check : भ्रामक
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