Fact Check: तीन साल पहले आगरा में पुलिस के साथ हुई थी बदसलूकी, वीडियो अब झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। तीन साल पहले आगरा में कुछ लोगों ने पुलिस के साथ मारपीट की थी। उसी वक्‍त के वीडियो को अब फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कोरोना महामारी के बीच कुछ लोग इंसानियत भूलकर नफरत फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक पुराने वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि मुसलमानों ने पुलिस चौकी में घुसकर हमला किया। ऐसे कई वीडियो पहले भी वायरल हो चुके हैं, जो कि जांच के बाद फर्जी साबित हुए।

इसी तरह विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में भी वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। वायरल वीडियो करीब तीन साल पुराना है। आगरा के थाने में घुसकर कुछ स्‍थानीय नेताओं ने पुलिस के साथ बदसलूकी की थी। उसी के वीडियो को अब कुछ लोग सांप्रदायिक दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज Love you yarro 12 ने 17 अप्रैल को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा : ”पुलिस चौंकी मे घुस कर मुसलमानो ने पुलिस पर किया हमला, अब इन लोगों के साथ क्या करना चाहिए ?”

इस वीडियो को कुछ लोग अभी का और सच मानकर लगातार वायरल कर रहे हैं। वीडियो को अब तक 5 लाख से ज्‍यादा बार देखा जा चुका है। दस हजार से ज्‍यादा लोग इसे शेयर कर चुके हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई ग्रैब निकाले। इसके बाद इन्‍हें गूगल रिवर्स में सर्च किया। हमें एक वेबसाइट पर संबंधित खबर और वीडियो मिला। खबर के मुताबिक, ”आगरा के फतेहपुर सीकरी थाने और सदर थाने में हिंदू संगठन के लोगों ने हंगामा किया। भीड़ ने पुलिसवालों पर पथराव किया और तोड़फोड़ की”। यह खबर 25 अप्रैल 2017 को पब्लिश की गई थी। पूरी खबर यहां देखें।

वायरल वीडियो हमें यूट्यूब पर भी मिला। 24 अप्रैल 2017 को इसे न्‍यूज कैफे नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था।

इसके बाद हमने दैनिक जागरण के आगरा ऑफिस में संपर्क किया। विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में दैनिक जागरण डिजिटल के आगरा प्रभारी प्रतीक गुप्‍ता ने बताया कि वायरल वीडियो 2017 का है। उस वक्‍त यहां एसएसपी प्रीतेंदर सिंह थे। जिले के फतेहपुर सीकरी थाने में कुछ हिंदूवादी नेताओं को अरेस्‍ट किया गया था। उसी के खिलाफ कुछ लोगों ने थाने में घुसकर हमला किया था। पूरे मामले से सख्‍त कार्रवाई हुई थी। 12 लोगों को सजा हुई। फिलहाल वे बाहर हैं।

इसी तरह आगरा के एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि वायरल वीडियो फेक है। ऐसी कोई घटना हाल फिलहाल में नहीं हुई है। वीडियो तीन साल पुराना है। जो भी शख्‍स फर्जी खबरों के माध्‍यम से माहौल खराब करने का प्रयास करेगा, पुलिस उसके खिलाफ सख्‍त से सख्‍त एक्‍शन लेगी।

अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी वीडियो फैलाने वाले यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि Love you yarro 12 नाम के पेज को 8 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। इस पेज को 22 दिसंबर 2019 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। तीन साल पहले आगरा में कुछ लोगों ने पुलिस के साथ मारपीट की थी। उसी वक्‍त के वीडियो को अब फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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