विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में राजस्थान के तीन बहनों द्वारा आइएएस की परीक्षा पास करने वाला वायरल दावा फर्जी निकला। दरअसल तीनों बहनों ने यूपीएससी नहीं, बल्कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) परीक्षा में सफलता हासिल की थी। उन्होंने 2017 में यह सफलता हासिल किया था। जिसे हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर में तीन लड़कियों के साथ एक महिला दिख रही हैं। तस्वीर को वायरल कर दावा किया जा रहा है कि कमल मेघवाल, गीता मेघवाल और ममता मेघवाल नाम की तीनों बहनों ने आइएएस की परीक्षा पास की है। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। दरअसल तीनों बहनों ने यूपीएससी नहीं, बल्कि 2017 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) परीक्षा में सफलता हासिल की थी। कई बार पहले भी यह तस्वीर भ्रामक दावों के साथ वायरल हो चुकी है।
फेसबुक यूजर विजय दरीबा ने 22 अप्रैल को एक तस्वीर को अपने अकाउंट पर शेयर किया। वायरल तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, “मेघवाल समाज आप पर गर्व करता है.. एक साथ IAS बनी मेघवाल समाज की तीन बेटियां दिन-रात खेतों में काम करने वाली विधवा मां की तीनों बेटियां 【कमल मेघवाल-32वीं,गीता मेघवाल-64वीं और ममता मेघवाल-128वीं रैंक】 एक साथ बनी IAS. अखिल भारतीय मेघवाल समाज परिषद आपके उज्जवल भविष्य की कामना कामना करता है!”
कई अन्य यूजर्स ने भी इस तस्वीर को मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। फैक्ट चेक के उद्देश्य से फेसबुक पोस्ट के तथ्य को हूबहू लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज़ ने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्तेमाल किया। जहां हमें वायरल दावे से जुड़े कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलें। दैनिक जागरण में 24 नवंबर 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, “55 वर्षीय मीरा देवी की तीन बेटियों – कमला चौधरी, ममता चौधरी और गीता चौधरी ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) परीक्षा में सफलता हासिल की है। तीनो में सबसे बड़ी कमला को ओबीसी रैंक में 32वां स्थान मिला, वहीं गीता को 64वां और ममता को 128वां स्थान मिला। हालांकि, तीनों बहनों ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा भी दी थी, लेकिन कुछ अंक से पीछे रह गईं। पूरी खबर यहां पढ़ें।
24 मई 2021 को अमर उजाला में प्रकाशित रिपोर्ट में भी वायरल तस्वीर मिली। रिपोर्ट के अनुसार, “यूपीएससी में असफलता के बाद तीनों बहनों ने एकसाथ राजस्थान प्रशासनिक सेवा की परीक्षा दी और उसमें तीनों का चयन हो गया। तीनों बहनों में सबसे बड़ी कमला चौधरी को ओबीसी रैंक में 32वां स्थान मिला, जबकि गीता को 64वां और ममता को 128वां स्थान मिला।” संबंधित खबर यहां पढ़ें।
वायरल दावे की पुष्टि के लिए हमने जयपुर दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र शर्मा से बात की। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुरानी खबर है। इन तीनों बहनों ने यूपीएससी की परीक्षा पास नहीं किया है। तीनों बहनों ने राजस्थान सिविल सर्विस की परीक्षा पास किया था।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अंत मे तस्वीर को वायरल करने वाले यूजर के फेसबुक प्रोफाइल की जांच की। सोशल स्कैनिंग में पता चला कि फेसबुक यूजर विजय दरीबा राजस्थान का रहने वाला है। फेसबुक पर उनके 4978 फ्रेंड्स है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में राजस्थान के तीन बहनों द्वारा आइएएस की परीक्षा पास करने वाला वायरल दावा फर्जी निकला। दरअसल तीनों बहनों ने यूपीएससी नहीं, बल्कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) परीक्षा में सफलता हासिल की थी। उन्होंने 2017 में यह सफलता हासिल किया था। जिसे हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।
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