Fact Check : इंदौर में वायरस फैलाने के लिए नहीं, गलती से गिरे थे हजारों रुपए

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि वायरल वीडियो का कोरोना वायरस से कोई संबंध नहीं है। एक डिलिवरी मैन के गिरे हुए पैसों को लोगों ने कोरोना वायरस से जोड़कर वायरल कर दिया।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। देश में कोरोना वायरस के साथ उससे जुड़ी फर्जी खबरें और अफवाहें भी तेजी से बढ़ रही हैं। कभी मॉकड्रिल के वीडियो को कोरोना के मरीज के नाम पर वायरल किया जा रहा है तो कभी पुराने वीडियो वायरल करके सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। अब सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोगों को जमीन पर गिरे हुए नोट उठाते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को लेकर दावा कर रहे हैं कि कोरोना वायरस फैलाने के लिए जमीन पर नोट फेंके गए।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट का दावा झूठा निकला। 16 अप्रैल को इंदौर में एक गैस डिलिवरी मैन के पैसे साइकिल से गिर गए थे।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Vijitha Rao Kalvakuntla ने 17 अप्रैल को वीडियो अपलोड करते हुए लिखा :”Single Source finds many innovative methods to spread virus 🤦‍♀️
Spit Piss Beat is old fashioned and you will go viral. The new technique is throwing currency and Police will never be able to find you out 👏 #SabaNaqvi”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसमें हमें जमीन पर गिरे हुए नोट को उठाते हुए कुछ लोग दिखे।

इसके बाद हमने वायरल वीडियो को InVID में अपलोड करके कई वीडियो ग्रैब निकाले और गूगल रिवर्स इमेज में ढूंढना शुरू किया। हमारे हाथ एनडीटीवी की वेबसाइट पर एक खबर लगी। इसमें मौजूद वीडियो वही था, जो अब वायरल हो रहा है। 16 अप्रैल को पब्लिश खबर में बताया गया कि 6480 रुपए की वैल्‍यू के नोट इंदौर की सड़क पर गिर गए थे। पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल के अगले चरण में हमने इंदौर के ईपेपर को खंगालना शुरू किया। हमें नईदुनिया के 18 अप्रैल के संस्‍करण में एक खबर मिली। इसमें बताया किया गया हीरानगर थाना क्षेत्र में मिले नोट दरअसल एक गैस कंपनी के हॉकर की जेब से गिर थे। पुलिस को आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से यह पता चला।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने हीरानगर पुलिस स्‍टेशन के प्रभारी राजीव सिंह भदौरिया से संपर्क किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया, ”वायरल पोस्‍ट में जैसा दावा किया जा रहा है, वैसी कोई बात नहीं है। दरअसल 16 अप्रैल को खातीपुरा धर्मशाला के पास कुछ नोट गिरे हुए देखे गए। जिसके बाद उन्‍हें इकट्ठा करके सेनेटाइज किया गया। बाद में हमने आसपास के फुटेज को खंगालना शुरू किया तो हमें पता चला कि इंडियन गैस के डिलिवरी मैन रामनरेंद्र यादव का पैसा साइ‍किल से जाते वक्‍त गिर गया था।”

अंत में हमने Vijitha Rao Kalvakuntla के फेसबुक अकाउंट की जांच की। हमें पता चला कि यूजर खुद को दक्षिणपंथी बताते हुए फरवरी 2007 में ज्‍वाइन की थीं। इनके अकाउंट पर एक खास विचारधारा से जुड़ी ही पोस्‍ट होती है।

Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि वायरल वीडियो का कोरोना वायरस से कोई संबंध नहीं है। एक डिलिवरी मैन के गिरे हुए पैसों को लोगों ने कोरोना वायरस से जोड़कर वायरल कर दिया।

False
Symbols that define nature of fake news
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