Fact Check : लोक नृत्य करती यह महिला IAS रुक्‍मणि रियार नहीं हैं

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वीडियो में डांस कर रहीं महिला आईएएस रुक्‍मणि रियार नहीं हैं। उन्‍होंने खुद इस बात का खंडन किया है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक महिला को राजस्‍थानी वेशभूषा में लोक नृत्य करते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को वायरल करते हुए महिला को राजस्‍थान के गंगानगर की कलेक्‍टर रुक्‍मणि बता रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी इस वीडियो की जांच की थी। दावा फर्जी साबित हुआ। वीडियो में दिख रहीं महिला रुक्‍मणि रियार नहीं हैं। उन्‍होंने खुद विश्‍वास न्‍यूज से इस बात की पुष्टि की है। विश्‍वास न्‍यूज की पिछली पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर चूनाराम ने 29 अगस्‍त को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए दावा किया : ‘ये महिला जो नृत्य कर रही है कोई साधारण महिला नहीं है,बल्कि रूक्मिणी रियाद, गंगानगर जिले (राजस्थान) की कलेक्टर हैं। आईएएस होने के बावजूद वह अपनी संस्कृति से पूरी तरह जुड़ी हैं सभी को जीवन खुल कर जीना चाहिए एक बार आप भी जरुर देखें।’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी अभी का मानकर वायरल कर रहे हैं।

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें 28 मार्च 2022 की तारीख पर एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड एक वीडियो में वायरल वीडियो की सच्‍चाई बताई गई। इसमें बताया गया कि वीडियो में दिख रही महिला रुक्‍मणि रियार नहीं हैं।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने रुक्‍मणि रियार के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया। डीएनए की वेबसाइट पर हमें एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि आईएएस रुक्‍मणि रियार पंजाब की रहने वालीं हैं। फिलहाल वे राजस्‍थान कैडर में हैं।

इसी तरह जागरण जोश पर पब्लिश एक लेख में बताया गया कि रुक्मणि का जन्म पंजाब राज्य के गुरदासपुर जिले में हुआ। उनके पिता बलजिंदर सिंह रियार एक रिटायर्ड डिप्टी डिस्ट्रिक अटॉर्नी हैं और माँ तकदीर कौर एक गृहणी हैं। रुक्मणि ने अपनी स्कूली पढ़ाई के पहले कुछ वर्ष गुरदासपुर में ही बिताए, जिसके बाद उन्हें चौथी कक्षा में बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया था। उन्होंने UPSC (IAS) 2011 की परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की थी। फिलहाल वे राजस्‍थान के श्रीगंगानगर जिले की कलेक्‍टर हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए श्रीगंगानगर जिले की कलेक्‍टर रुक्मणि रियार सिहाग से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है।

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की। फेसबुक यूजर चूनाराम के 4.9 हजार से ज्‍यादा फ्रेंड हैं। राजस्‍थान के बाड़मेर रहने वाले इस यूजर के अकाउंट पर वायरल कंटेंट की भरमार है। यह अकाउंट जुलाई 2014 को बनाया गया।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वीडियो में डांस कर रहीं महिला आईएएस रुक्‍मणि रियार नहीं हैं। उन्‍होंने खुद इस बात का खंडन किया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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